ITR भरना- करदाताओं के लिए बड़ा अपडेट। वित्त वर्ष 2024-25 और आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है। हालांकि, कई कर पेशेवरों और संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।
उनका कहना है कि पोर्टल पर लगातार तकनीकी गड़बड़ियाँ आ रही हैं और आईटीआर एक्सेल यूटिलिटी भी देरी से जारी की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि समय सीमा बढ़ने की संभावना बहुत कम है।
विलंबित रिटर्न पर जुर्माना
आयकर नियमों के अनुसार, अगर कोई करदाता 15 सितंबर तक आईटीआर दाखिल नहीं करता है, तो वह विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 139(1) के तहत, 31 दिसंबर, 2025 तक रिटर्न दाखिल करने और संशोधित करने का प्रावधान है। देरी पर जुर्माना भी लगेगा:
1. 15 सितंबर से 31 दिसंबर 2025 के बीच आईटीआर दाखिल करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना।
छोटे करदाताओं, जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है, को केवल 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
समय पर फाइलिंग क्यों महत्वपूर्ण है?
टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि आखिरी समय तक इंतज़ार करने से आईटीआर पोर्टल धीमा या डाउन हो सकता है, जिससे समस्याएँ और बढ़ सकती हैं। इसलिए, करदाताओं को बचे हुए समय का उपयोग समय पर और सही तरीके से रिटर्न दाखिल करने में करना चाहिए। कई व्यावसायिक संगठनों ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर आईटीआर दाखिल करने और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की समय सीमा बढ़ाने की माँग की है। जोधपुर टैक्स बार एसोसिएशन ने आईटीआर दाखिल करने और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट, दोनों के लिए समय सीमा बढ़ाने की माँग की है।
कर्नाटक स्टेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA), एडवोकेट्स टैक्स बार एसोसिएशन (ATBA) और ICAI की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (CIRC) ने भी यही माँग उठाई। ATBA ने ख़ास तौर पर नॉन-ऑडिट ITR की समय-सीमा बढ़ाकर 15 अक्टूबर करने की सिफ़ारिश की।
कर विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर आईटीआर दाखिल करना सबसे सुरक्षित विकल्प है। तकनीकी खामियों के बावजूद, देरी से रिटर्न दाखिल करने पर लगने वाले जुर्माने और जुर्माने के कारण देर से दाखिल करना महंगा पड़ सकता है। इसलिए, करदाताओं को बचे हुए समय का उपयोग सही और सटीक रिटर्न दाखिल करने में करना चाहिए।
हालांकि कई पेशेवर संस्थाओं ने समय सीमा बढ़ाने की मांग उठाई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी संभावना कम है। इसलिए, करदाता के लिए आखिरी मिनट का इंतज़ार किए बिना, समय पर और सही तरीके से आईटीआर दाखिल करना सबसे सुरक्षित और व्यावहारिक विकल्प माना जाता है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		