Jail Prisoners: जब किसी व्यक्ति को जेल की सजा होती है तो भी उसके कुछ मौलिक अधिकार होते हैं जिनका संरक्षण कानून करता है. इन्हीं अधिकारों में से एक है वैवाहिक मुलाकात की अनुमति जिसे कुछ विशेष परिस्थितियों में दिया जाता है. यह व्यवस्था कैदियों को उनके पार्टनर के साथ कुछ समय बिताने की छूट देती है.
भारतीय कानून और वैवाहिक मुलाकात
भारतीय कानूनी ढांचे में यह स्पष्ट नहीं है कि कैदियों को वैवाहिक मुलाकात की सीधी अनुमति है या नहीं. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी जानकार प्रेम जोशी के अनुसार, कई उच्च न्यायालयों ने विशेष परिस्थितियों में इस तरह की मुलाकातों की अनुमति दी है.
हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट के निर्णय
साल 2015 में हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने कैदियों के लिए उनके पार्टनर के साथ निजी समय बिताने की अनुमति दी थी. यह निर्णय उन कैदियों के लिए था जिन्होंने अपने व्यवहार और जेल में रहने की स्थितियों में सुधार दिखाया था.
पंजाब की जेलों में व्यवस्था
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के कई जेलों में कैदियों के लिए खास तरह के कमरे बनाए गए हैं जहां वे अपने पार्टनर से मिल सकते हैं. इन कमरों में डबल बेड, वॉशरूम, मेज, दो कुर्सियां और स्टूल के साथ पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलती हैं.
मुलाकात की अवधि और नियम
जब पति-पत्नी की मुलाकात होती है, तो यह कमरा बाहर से बंद रहता है और उन्हें दो घंटे तक अंदर रहने की अनुमति होती है. यह व्यवस्था हर जेल में नहीं है और इसे अनुमति देने का अंतिम निर्णय कोर्ट द्वारा लिया जाता है.