Kamakhya Devi Mandir : हेलो दोस्तों कैसे हैं आप आशा करते हैं सब अच्छे और कुशल मंगल से होंगे। और मां की कृपा आप पर सदा बनी रहे। दोस्तों आज के साथ काल में हम आपको बताने जा रहे हैं माता कामाख्या देवी मंदिर के ऐसे 20 रहस्य जिसे जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे। माता कामाख्या देवी मंदिर के ऐसे रहस्य है जो आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। माता कामाख्या देवी मंदिर (Kamakhya Devi Mandir) में ऐसा क्या है जो लोगों को हैरान कर देता है और सच जानने के बाद में लोग दांतो तले उंगली दवा लेते हैं। आईए जानते हैं।
Kamakhya Devi Mandir Secret
दोस्तों अगर आप भारत देखते हैं और कामाख्या देवी मंदिर (Kamakhya Devi Mandir) के बारे में नहीं जानते हैं तो समझिए आपको सनातन धर्म में इंटरेस्ट नहीं है। क्योंकि आए दिन इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च होने वाली मंदिर का नाम है कामाख्या देवी मंदिर, भारत की सनातन धर्म की सबसे चमत्कार मंदिर में से एक माना जाता है। यह मंदिर लोगों को हैरान कर देता है इस मंदिर की सबसे अद्भुत दृश्य देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
आपको बता दे की माता कामाख्या देवी मंदिर में माता की योनि की पूजा की जाती है। इसके साथ ही यह मंदिर जितना रहस्यमय है उतना ही यह मंदिर खूबसूरत भी है। यह मंदिर सबसे पुराना माना जाता है। आप यह लेख Newsremind.com पर पढ़ रहे है।
शक्ति और साधना का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है कामाख्या देवी मंदिर
आपको बता दे की कामाख्या देवी मंदिर (Kamakhya Devi Mandir) जहां पर श्रद्धालुओं को ताता लगा रहता है। यह मंदिर के बारे में बहुत सारी कहानियां प्रसिद्ध है। इस मंदिर के बारे में बहुत सारे फैक्ट्स भी मौजूद है। यह मंदिर सच्चाई को दर्शाता है। इस मंदिर का सबसे बड़ा खास बात यह है कि यहां पर जो भी व्यक्ति आते हैं उनकी मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही मंदिर में आने वाले लोगों के सारे पाप धुल जाते हैं। आपको बता दे की माता कामाख्या देवी मंदिर में गरीब से लेकर आमिर तक काफी बड़े-बड़े लोग दर्शन करने के लिए उत्साहित रहते हैं। माता कामाख्या देवी के मंदिर के बहुत सारे आश्चर्यजनक बातें हैं जो जानकर आपको हैरान कर देगी। आईए जानते हैं।
माता कामाख्या देवी मंदिर कहां है?
शक्तिपीठ कामाख्या देवी मंदिर भारत में Asam की राजधानी गुवाहाटी में स्थित है। यह मंदिर नीलांचल पर्वत पर स्थित है। माता कामाख्या देवी मंदिर शक्तिपीठ मंदिर में से एक है। यह मंदिर के बनावट बहुत ही अजीब है जो की एक पहाड़ी पर बना हुआ है। यदि आप भारत के नॉर्थ ईस्ट घूमने जाते हैं तो आपको प्रसिद्ध कामाख्या शक्तिपीठ मंदिर जरूर घूमना चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है की माता कामाख्या देवी मंदिर (Kamakhya Devi Mandir) के दर्शन के बिना आपकी नॉर्थ ईस्ट की टूर अधूरी मानी जाएगी। यह मंदिर रोचक तथ्य और चमत्कारों से भरा पड़ा हुआ है। आईए जानते हैं इस मंदिर की बनावट के बारे में आगे विस्तार पूर्वक।
माता कामाख्या देवी मंदिर में नहीं है किसी भी देवी की मूर्ति
आपको बता दे की कामाख्या शक्तिपीठ मंदिर में देवी (Kamakhya Devi Mandir) की किसी भी प्रकार के कोई मूर्ति नहीं है। यहां पर देवी की योनि की पूजा की जाती है। मंदिर में एक पूर्ण बना हुआ है जहां पर हमेशा फूलों से ढका हुआ रहता है। यहां पर एक मंदिर बना हुआ है जहां पर देवी की मूर्ति स्थापित है यह माता के सभी शक्तिपीठों में से वहां पीठ माना जाता है।
इस मंदिर में माता होती है रजस्वला
आपको बता दे की शक्ति पीठ के बारे में आप लोग बहुत कथा सुने होंगे। और यह कथा बहुत ही प्रसिद्ध माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर मां की योनि का भाग्य गिरा था जिसकी वजह से माता यहां पर हर साल तीन दिनों के लिए राजस्ववाला होती है। और इसी दौरान माता के मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है। यह पाठ 3 दिनों तक बंद रहता है। तीन दिनों के बाद माता के पट को हर्ष उलास के साथ खोला जाता है।
माता कामाख्या देवी मंदिर में प्रसाद के रूप में दिया जाता है गीला वस्त्र
दोस्तों आप अपने स्थान पर या किसी भी जगह पर मंदिर में जाते हैं तो आपको या भक्तों को प्रसाद के रूप में फल या और कुछ खाने के लिए दिया जाता है। लेकिन यह एक ऐसा मंदिर है जहां पर प्रसाद के रूप में भक्तों को गीला वस्त्र दिया जाता है। यह वस्त्र को अंबुबाची वस्त्र कहते हैं। ऐसा माना जाता है की देवी का रजस्वला होने के दौरान प्रतिमा के आसपास सफेद कपड़े बिछा दिए जाते हैं जहां पर तीन दिनों के बाद जब मंदिर का दरवाजा खोला जाता है तब बिछाया गया कपड़ा माता के रक्त से लाल रंग से भींगा हुआ होता है और इसे बाद में भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
लुप्त हो चुका है कामाख्या देवी का मूल मंदिर।
आपको बता दे की माता कामाख्या देवी के बारे में एक कथा सबसे ज्यादा प्रचलित है। इस कथा में बताया गया है कि नर्क नाम का एक असुर रहता था। नरक ने कामाख्या देवी के सामने विवाह करने का प्रस्तुत रखा। देवी ने नरकासुर से विवाह करना नहीं चाहती थी इसलिए उन्होंने नरक असुर के सामने एक शर्त रखी। और शर्त में यह कहीं की अगर नरकासुर अगर एक रात में मंदिर, मार्ग, घाट और पूजा में आने वाले जितने भी समान होते हैं अगर वह सब बनवा देता है तो मैं नरकासुर से शादी कर लूंगी।
नरकासुर ने शर्त पूरी करने के लिए भगवान विश्वकर्मा को बुलाया। इसके बाद काम को शुरू कर दिया गया। काम पूरा होते देख कर रात खत्म होने से पहले ही मुर्गा के द्वारा सुबह होने की सूचना दिलवा दिया गया। और इसी कारण विवाह नहीं हो पाया।
ऐसा माना जाता है कि आज भी नीचे से ऊपर जाने वाले मार्ग को नरकासुर मार्ग के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में माता का मूर्ति स्थापित है। उसे कम देव मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के संबंध में यह भी बताया गया है कि नरक सूर के अत्याचारों से कामाख्या देवी के दर्शन में कई परेशानियां उत्पन्न होने लगी। जिस बात से क्रोधित होकर महर्षि वशिष्ठ इस जगह को श्राप दे दिए शराब में यह कहा गया की माता कामाख्या देवी मंदिर लुप्त हो जाएगा। यही कारण है की मूल मंदिर लुप्त है।
काल भैरव के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है कामाख्या देवी यात्रा।
कामाख्या देवी मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित उमानंद भैरव का मंदिर है। आपको बता दे की उम्मानंद ही इस शक्तिपीठ के भैरव है। ऐसा माना जाता है कि दिल के दर्शन के बिना कामाख्या देवी मंदिर का का यात्रा अधूरा माना जाता है। कामाख्या देवी मंदिर यात्रा को पूरा करने के लिए और अपनी सारी मनोकामना को पूरा करने के लिए कामाख्या देवी मंदिर के बाद आपको उमानंद भैरव के दर्शन जरूर करना चाहिए।
तंत्र विद्या का गढ़ माना जाता है कामाख्या देवी मंदिर।
कामाख्या देवी मंदिर तंत्र विद्या का सर्वश्रेष्ठ केंद्र माना जाता है। यहां पर हर साल जून के महीने में अंबुबाची मेला का आयोजन होता है। जहां पर देश और विदेश से लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। आपको बता दे कि देश के हर कोने से यहां पर साधु संत एकत्रित होते हैं। तंत्र साधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान माता के रजस्वला के होने का पर्व मनाया जाता है। इस समय ब्रह्मपुत्र नदी का पानी तीन दिनों तक लाल होता है नजर आता है।
Kamakhya Devi Mandir के बारे में यह भी माना जाता है कि कामाख्या देवी मंदिर की योनि के दर्शन करने से तमाम इच्छाएं पूरी हो जाती है। माता मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं इसके बारे में जानकार लोग हैरान हो जाते हैं और आश्चर्यचकित नजर आते हैं। कामाख्या देवी मंदिर से जुड़ी कई कहानी मौजूद है।
कामाख्या देवी मंदिर का यह है कहानी
धर्म पुराणों के अनुसार पिता द्वारा किए गए यज्ञ के अग्नि में कूद कर सती के आत्मदाह करने के बाद जब महादेव ने उनके सवो को लेकर तांडव कर रहे थे। तब महासती के प्रति महाशंकर को मुंह भंग करने के लिए भगवान विष्णु जी के द्वारा अपने चक्र से माता सती के 51 भाग कर दिए थे। जहां पर यहां भाग गिरा वहां पर माता की शक्तिपीठ बन गया। यहां पर माता का यानी भाग गिरा था जिस कारण से यहां पर माता कामाख्या देवी का नाम दिया गया।
इस प्रकार माता कामाख्या देवी मंदिर बना और आज भी यहां भक्तों को भीड़ लगा हुआ रहता है।