किडनी डोनर और रिसीवर के अलग अलग ब्लड ग्रुप के चलते ट्रांसप्लांट न करा पा रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर आ गयी है उन्हें किसी भी ब्लड ग्रुप की किडनी ट्रांसप्लांट की जा सकती है इसके साथ ही मरीजों को ज्यादा पैसे की भी जरूरत नहीं पड़ने वाली है क्योकि हाल ही में सफदरजंग अस्पताल में पहली बार अलग ब्लड ग्रुप वाले गुर्दे का प्रत्यारोपण किया गया है, जो पूरी तरह से सफल रहा है इसके साथ ही मरीज का ब्लड ग्रुप भी बी पॉजिटिव था जबकि किडनी देने वाले डोनर का ब्लड समूह AB पॉजिटिव था। बिना ब्लड ग्रुप मैच करके ही किडनी ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
हाल ही में सफदरजंग अस्पताल की एमएस डॉ. वंदना तलवार ने बताया कि 6 फरवरी को अस्पताल में पहला एबीओ इन्कंपेटिबल किडनी प्रत्यारोपण किया गया है,वैसे तो अस्पताल में साल 2013 में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू की गई थी लेकिन यह पहली हुआ है जब गुर्दा दाता और प्राप्तकर्ता के रक्त समूह अलग-अलग थे और प्रत्यारोपण किया गया। यह ट्रांसप्लांट पूरी सफल रहा है इसके साथ ही किडनी के सभी पैरामीटर सामान्य होने के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई है।
बता दे, सफदरजंग अस्पताल में भर्ती 43 साल के एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप B था जबकि किडनी देने वाले यानि की 28 साल की पत्नी का ब्लड ग्रुप B पॉजिटिव रहा था। इस व्यक्ति को 2 साल पहले ही पता चला कि उसकी किडनी फेल हो गयी है और 6 महीने से मरीज डायलिसिस पर था। हालांकि अलग रक्त समूह के बावजूद इस चुनौती को डॉक्टरों ने स्वीकारा और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया की गई।
अस्पताल में एबीओ किडनी ट्रांसप्लांट के सफल होने पर वीएमएमसी और एसजेएच की प्रिंसिपल डॉ. गीतिका खन्ना ने ट्रांसप्लांट टीम और नेफ्रोलॉजी हेड डॉ. हिमांशु वर्मा, एनेस्थीसिया सपोर्ट देने वाले डॉ. सुशील गुरिया की कोशिशों को मरीजों के लिए बेहतर बताया और भविष्य में ऐसे और सफल ट्र्रांसप्लांट की उम्मीद जताई।