Kisan News : साल 2025 के शुरू होते ही क्या 6000 का आंकड़ा पार कर देंगे सोयाबीन के रेट। सोयाबीन के दामों को लेकर फिलहाल किसान के साथ-साथ व्यापारी भी बेहद परेशान है। सोयाबीन को व्यापारियों ने खरीद-खरीद कर स्टॉक के रूप में रख लिया है। सोयाबीन के दामों की स्थिति फिलहाल कुछ सुधरती हुई नजर आ रही है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि सोयाबीन के दामों में थोड़ी बहुत राहत आने वाले समय में मिल सकती है। ऐसे में किसानों का कहना है कि अगर उन्हें ₹6000 प्रति क्विंटल के रेट नहीं मिले तो उनको ऐसे में नुकसान झेलना पड़ेगा। आईए जानते हैं क्या कहते हैं सोयाबीन के बाजार भाव।
सोयाबीन बाजार में जारी उतार चढ़ाव
भारत में हाल ही में कुछ वक्त पहले खाद्य तेलों पर आयात का शुल्क बहुत कम कर दिया गया था जिसके कारण इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों ने भारत में सस्ते दामों में पॉम ऑयल की बहुत बड़े मात्रा में बिक्री कर ली। इस तेल का इस्तेमाल कई देश खाने में करते हैं। बीते महीने में इस तेल के आयात में लगभग 23 % की वृद्धि देखी गई और यहां आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है वही पिछले साल देश में लगभग 93096 करोड़ रुपए का पॉम ऑयल आयात हुआ था।
फिलहाल यह आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर सकता है। इससे करोड़ों तिलहन उत्पादक किसान और इस उद्योग से जुड़े उद्योगपति बहुत बुरी तरह से प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। बता दे कि देश में अन्य खाद्य तेलों का आयात भी 71000 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। यह सब उत्पाद ऐसे हैं जिनको भारत में स्वदेशी रूप से उत्पादित करते हैं और इससे देश के किसानों और उद्योगों को बढ़ावा मिलता नजर आता है।
ऐसी स्थिति में किसानों और तेल उद्योग बहुत बड़ी समस्या में आ चुके हैं क्योंकि ज्यादा मात्रा में तेल का आयात होने के कारण घरेलू बाजार में इनकी कीमत लगातार गिरावट में दर्ज की जा रही है। जिसके चलते किसानों को सोयाबीन और अन्य तिलहनी फसलों की खेती से बहुत नुकसान हो रहा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि देश में कई तेल निष्कर्ष इकाइयां भी बंद होने की कगार पर आ चुकी है। इससे किसान ही नहीं बल्कि कई उद्योगपति भी संकट में आ चुके हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन का हाल
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन की अगर बात करें तो खासतौर पर चीन की डिमांड पर निर्भर है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा सोयाबीन खरीदने वाला देश है और हाल ही में उसने अमेरिका से बहुत बड़ी मात्रा में सोयाबीन खरीदने का फैसला किया है। चीन की सरकारी कंपनी सिन्नोग्रेन ने हाल ही में अमेरिका देश से लगभग 5 लाख मिट्रिक टन सोयाबीन खरीदी है।
सोयाबीन का यह सौदा शिकागो बोर्ड आफ ट्रेड के मार्च वायदा पर लगभग 90 सेंट प्रति बुशल और मई वायदा पर 80 सेंट प्रति बुशल के आधार पर किया गया है। वही इस कीमत को ब्राजील के सोयाबीन के मुकाबले लगभग 80 सेंट से लेकर $1 तक ज्यादा बताया जा रहा है। अब ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि चीन की इस बड़ी खरीदी से वैश्विक बाजार में संतुलन बन सकता है। हालांकि अमेरिका और ब्राजील में सोयाबीन की भारी पैदावार के कारण दीर्घकालीन रूप से कीमतों पर दबाव बन सकता है।
सोयाबीन की खरीदी में बढ़ोतरी
भारतीय बाजारों में देखने को मिल रहा है कि सोयाबीन तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि के चलते प्लांट में सोयाबीन की खरीदी में तेजी देखी जा रही है। हालांकि प्लेटो ने खरीदी में बढ़ोतरी और स्थानीय मांग में कमी के चलते कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि की संभावना कम जताई जा रही है। अब ऐसे में व्यापारियों और विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले समय में सोया डीओसी की डिमांड में सुधार जारी रह सकता है।
वही प्लांट और पोल्ट्री फार्म में बढ़ती डिमांड के चलते सोयाबीन की कीमतों में थोड़ा सुधार आ सकता है। अगर चीन की मांग में वृद्धि होती है तब ऐसे में भारतीय बाजार को इसका समर्थन प्राप्त हो सकता है। इसके बाद भी कीमतों में बहुत ज्यादा तेजी तो नहीं आएगी लेकिन 200 से ₹300 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हाल ही में बाजार में लगातार तेजी की तरफ रुझान बताया जा रहा है।
साल 2025 में सोयाबीन 6000 का आंकड़ा पार करने की उम्मीद
सोयाबीन के दाम में फिलहाल थोड़ी बहुत तेजी देखी जा रही है। बीते कुछ दिनों में सोया डीओसी की कीमतों में लगभग 200 से 300 रुपए की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है वही विशेषज्ञों का कहना है कि मलेशिया में पाम की फसलों को नुकसान होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम तेल के भाव अन्य देशों की तुलना में तेजी के साथ बढ़ सकते हैं। आने वाले रमजान जैसे कई त्योहारों में तेल की बढ़ती डिमांड को देखते हुए सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि साल 2025 में सोयाबीन के दाम ज्यादा से ज्यादा 5300 प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।
साल 2025 में जनवरी के दौरान सोयाबीन के भाव
हाल ही में सोयाबीन के भाव में गिरावट देखी गई है। नए साल के आते ही सोयाबीन की कीमत 4000 से 4500 रुपए प्रति क्विंटल रहने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही सोयाबीन खरीदने वाले प्लांट की तरफ से कीमत बढ़ाने की और संकेत मिल रहा है। बता दे इंदौर प्लांट में 4375 से 4480 रुपए प्रति क्विंटल और नीमच लाइन में लगभग 4395 रुपए प्रति क्विंटल की कीमतों पर सोयाबीन खरीदने को तैयार है। सोयाबीन कारोबारी अमर अग्रवाल के मुताबिक साल के अंत में सोयाबीन की कीमतों की स्थिति सामान्य बनी रह सकती है। वही जनवरी-फरवरी महीने में सोयाबीन की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सोयाबीन की कीमतों में थोड़ी तेजी होगी।