अगर आप सब्जियों की खेती करते है तो, आइए आपको बताते है अप्रैल माह में किन सब्जियों की खेती (Vegetable Cultivation) से होगा बंपर मुनाफा।
Vegetable Cultivation | देश के अलग-अलग हिस्सों में अभी रबी फसलों की कटाई का दौरा जारी है। रबी की फसल में गेहूं, जौ, आलू, चना, मसूर, अलसी, मटर व सरसों की कटाई की जाती है। जिसके पश्चात फसल को अच्छे से सूखने के लिए धूप में छोड़ दिया जाता है।
लेकिन जिन किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था है वह सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाते है। सब्जियों की खेती किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है। सब्जी एक नकदी फसल है, इस कारण काफी किसान सब्जी की खेती (Vegetable Cultivation) करना पसंद करते हैं।
जिसका बड़ा कारण है, सब्जी की खेती में किसानों को काफी अच्छा मुनाफा मिलता है। सब्जी एक ऐसी फसल है, जिसे किसान सीधे उपभोक्ताओं को बेचकर काफी अच्छी इनकम प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन अगर सही और अच्छे रेट में बिकने वाले सब्जियों की खेती के लिए चुनाव करें तो और भी ज्यादा अच्छा मुनाफा बनाया जा सकता है। यहां आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है अप्रैल माह में की जाने वाली टॉप 5 सब्जियों की खेती (Vegetable Cultivation) के बारे में। आइए जानते है…
1. बैंगन की खेती (Eggplant cultivation)
Vegetable Cultivation | बैंगन को ऊंचे इलाकों को छोड़कर पूरे भारत में सफलता पूर्वक कही भी उगाया जा सकता है। बैंगन को गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। बैंगन की वर्षा कालीन फसल के लिए अप्रैल महीने में बुवाई की जाती है।
प्रति हेक्टेयर में बैंगन की बिजाई के लिए सामान्य किस्मों की लगभग 250-300 ग्रा. और संकर किस्मों का 200 से 250 ग्रा, बीज की आवयश्कता होती हैं। बैंगन को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। गर्मी के मौसम में बैंगन की सिंचाई 3 से 4 दिन बाद करनी होती है।
आने वाले दिनों में बाजारों में बैंगन के काफी अच्छे दाम मिलेंगे। इसी को देखते हुए किसान भाई वर्षाकालीन बैंगन (Vegetable Cultivation) की बुवाई अभी शुरू कर सकते हैं। बैंगन की खेती गहरी दोमट अच्छी जल निकासी वाली जीवांश युक्त भूमि पर ही करें।
2. पालक की खेती (Spinach cultivation)
Vegetable Cultivation | अप्रैल में गर्मी बढ़ने लगती है यानी इस महीने से गर्मियों का मौसम पूर्ण रूप से आरंभ हो जाता है। इस दौरान स्थानीय बाजारों में हरे पत्तेदार सब्जियों की आवक में कमी हो जाती है। ऐसे में किसान भाई पालक की बुवाई खेतों में कर सकते हैं।
हरी सब्जियों में पालक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता हैं, जिसके कारण इसकी मांग बाजारों में लगातार पूरे साल बनी रहती हैं। आमतौर पर पालक की खेती सर्दियों के मौसम में होती है। किंतु इसकी खेती अलग-अलग महीनों में कर के पूरे साल लाभ कमाया जा सकता है।
गर्मियों के मौसम में इसकी खेती (Vegetable Cultivation) फरवरी से अप्रैल के दौरान की जा सकती है। सिंचित सिंचाई क्षेत्र में पालक की खेती से 200 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार प्राप्त की जा सकती है, जिसे बाजार में 25 से 30 रूपए प्रति किलो के भाव में बचा जा सकता है।
पालक की खेती एक ऐसी खेती है, जो कम समय मे लाभ देती है और बार-बार देती है। क्योंकि पालक की कटाई 10 से 15 दिनों के अंतराल में 5 से 6 बार की जा सकती है।
3. लौकी की खेती (Cultivation of Bottle Gourd)
Vegetable Cultivation | लौकी (घीया) यह हर सीजन में मिलने वाली एक कददूवर्गीय सब्जी है। यह गोल और लंबे आकार में होती है। इस कद्दूवर्गीय सब्जी की खेती किसान भाई साल में तीन बार कर सकते हैं।
गर्मियों के दिनों में इस सब्जी की बाजार में मांग काफी बढ़ जाती है। क्योंकि इसका उपयोग सब्जी के अलावा रायता और हलवा बनाने में किया जाता है। बाजार में इसकी हर समय मांग को देखते हुए किसान भाई इसकी बुवाई (Vegetable Cultivation) अप्रैल में कर सकते हैं।
इसकी खेती से कम लागत खर्च पर अधिक लाभ कमा सकते हैं। बता दें कि जायद के लिए इसकी बुवाई मध्य जनवरी, खरीफ के लिए मध्य जून से प्रथम जुलाई और रबी के लिए सितम्बर अन्त और प्रथम अक्टूबर तक की जाती है।
4. भिंडी की खेती (Okra cultivation)
भिंडी गर्मियों की मुख्य सब्जी है। इसकी खेती (Vegetable Cultivation) उष्ण तथा शुष्क दोनों मौसम में आसानी से की जा सकती है। भिंडी की खेती के लिए तेज और नमी वाली जलवायु की आवश्यकता होती है। भिंडी पैदावार सर्दी की जगह गर्मी के मौसम में अच्छी होती है।
गर्मियों के मौसम में इसकी बाजारों में भारी मांग होती है, जिसके कारण इसके दाम काफी अच्छे मिलते हैं। यदि किसान भाई अच्छे और हाईब्रीड बीज से भिंडी की अगेती किस्मों की खेती करता है, तो इसकी अच्छी पैदावार होती है और लाभ भी अधिक होता है।
इसकी अगेती खेती (Vegetable Cultivation) करने के लिए सिंचाई की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। भिंडी की फसल के लिए 20 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। इसके पौधों को विकसित होने के लिए 30 से 35 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। भिंडी की बुवाई फरवरी, मार्च और अप्रैल के पहले सप्ताह में कर सकते हैं।
5. टमाटर की खेती (Tomato cultivation)
टमाटर की फसल किसानों के लिए नियमित आय का एक बेहतर जरिया है। संपूर्ण भारत में टमाटर को किसी भी मौसम में सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है। टमाटर का उपयोग सब्जियों (Vegetable Cultivation) के अलावा सलाद में भी किया जाता है।
व्यापारिक स्तर पर टमाटर सास (केचप), प्यूरी, जूस, सूप, अचार इत्यादि में टमाटर का उपयोग किया जाता है। अगर इसकी खेती किसान गर्मियों के मौसम में करते है, तो इससे खूब पैसा भी कमा सकते हैं।
टमाटर की बुवाई मई-जून, सितंबर-अक्टूबर और जनवरी फरवरी में की जाती है। इसकी अगेती और हाईब्रीड किस्मों की बुवाई (Vegetable Cultivation) किसान भाई अभी शुरू कर सकते हैं।