कम जगह और कम लागत में कमाल कर देगी इस चमकदार चीज की खेती, जाने खेती का तरीका। मोती की खेती एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें सीप के अंदर मोती तैयार किए जाते हैं। यह प्रक्रिया कृत्रिम रूप से सीप के अंदर एक विदेशी पदार्थ डालकर की जाती है, जिससे सीप अपनी प्राकृतिक रक्षा प्रणाली के तहत मोती तैयार करता है। आइए इसकी खेती के बारे में विस्तार से जानते है।
मोती की खेती कैसे करें
मोती की खेती मुख्य रूप से ताजे पानी और खारे पानी में की जाती है। भारत में ज्यादातर ताजे पानी की मोती खेती की जाती है। तालाब या टैंक जो 5-6 फीट गहरा और साफ पानी वाला तालाब। अच्छी नस्ल के सीप जैसे Pinctada fucata या Pinctada margaritifera। pH मान लगभग 7-8, साफ और स्वच्छ पानी। माइक्रो प्लैंकटन और अन्य पोषक तत्व।
सीप के अंदर नाभिक डालने के लिए। स्वस्थ और बड़े आकार के सीपों को चुना जाता है। सीप के अंदर बॉल या कोई विदेशी कण डाला जाता है। सीपों को जाल में डालकर तालाब में रखा जाता है। समय-समय पर पानी की गुणवत्ता और सीपों की सेहत की जांच की जाती है। लगभग 12-18 महीनों में मोती तैयार हो जाते हैं।
मोती की खेती के फायदे
कम जगह में की जा सकती है। मुनाफा बहुत अधिक होता है। पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय है। सरकार द्वारा सब्सिडी मिल सकती है।
मोती से कमाई
मोती की खेती में लगभग 70 हजार रूपए का खर्चा आ जाता है। जिसके बाद आप लगभग 2 से 5 लाख रूपए की कमाई कर सकते है।