तारबंदी योजना के नियमों में सरकार ने बदलाव कर दिए हैं। जिससे कम खेत वाले किसानों को भी फायदा होगा। चलिए बताते हैं नए नियम और मिलने वाले फायदे-
तारबंदी योजना में बदलाव
तारबंदी करके किसान अपने खेत की सुरक्षा कर सकते हैं, जंगली छुट्टा जानवरों से अपनी फसल को बचा सकते हैं। यह फसल की सुरक्षा का एक मजबूत विकल्प है जो लंबे समय तक खेत की सुरक्षा करता है। इससे किसानों को अपनी फसल की तकवारी रात दिन नहीं करनी पड़ती है। खेत की फसल बढ़िया रहती है। जिसके लिए सरकार किसानों की मदद कर रही है। ताकि वह अपने खेत में तारबंदी कम लागत में कर सके और अपनी फसल को बचा सके।
जिसमें पहले तारबंदी योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से 6 बीघा की जमीन के लिए अनुदान दिया जाता था। लेकिन अब इसे बदल कर 2 बीघा कर दिया है, तो जिन किसानों के पास दो बीघा तक की जमीन है वह भी अपने खेत में तारबंदी करवा सकते हैं।
तारबंदी के लिए 48,000 रु
यहां पर वह किसान जो 0.5 हेक्टेयर यानी की 2 बीघा की जमीन में तारबंदी करवाते हैं लघु और सीमांत किसान है तो उन्हें 400 रनिंग मीटर लंबाई के लिए अधिकतम 48000 सब्सिडी मिलेगी। यह मदद तारबंदी करने के लिए कृषि विभाग के द्वारा दी जाएगी। लेकिन अगर किसान समूह बनाकर लगभग 10 किसान मिलकर 5 हेक्टेयर की जमीन में यानी की 20 बीघा की भूमि में तारबंदी करवाते हैं तो उन्हें 70% का अनुदान मिलता है और 400 रनिंग मीटर लंबाई के लिए ही यहाँ पर ₹56000 सब्सिडी पर किसानों को दी जाती हैं। इसमें भी किसानों को फायदा है। छोटे किसान मिलकर योजना का लाभ ले सकते है।

आवेदन की प्रक्रिया
यह राजस्थान राज्य सरकार की योजना है, और किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभ दिया जाएगा। आवेदन करने के लिए किसानों के पास भूमि पर पेरीफेरी का नया प्रमाणित किया गया संयुक्त नक्शा, ट्रैस व जमाबंदी एवं जन आधार कार्ड के साथ-साथ लघु सीमांत प्रमाण पत्र जमा करना होगा। इन सब कागजों के साथ किसान ईमित्र केंद्र में जाकर आवेदन कर सकते हैं, या फिर राज्य किसान साथी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इसके बाद किसान अपने खेत में तारबंदी करवा सकते हैं। बिल जमा कर सकते हैं और फिर सम्बंधित कृषि पर्यवेक्षक से फिजिकल वेरिफिकेशन राज्य किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन होने के बाद अनुदान किसानों के खाते में भेज दिए जाते हैं। जिससे किसानों की भारी आर्थिक मदद हो जाती है, कम लागत में काम हो जाता है।