राज्य सरकार ने किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दे रही है, जिससे उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं हो, चलिए जानें किसानों को मिलने वाले लाभ-
किसानों के खाते में भेजे गए 368 करोड़ रु
किसानों के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाओं चला रही है, जिससे उनकी आर्थिक मदद की जा सके। जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें भी किसानों की मदद करती है। जिसमें आज हम हरियाणा राज्य सरकार की बात कर रहे है, बता दे कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को योजना का लाभ देते हुए 368 करोड़ रुपये की बोनस राशि एक क्लिक से किसानों के बैंक खातों में भेजी। यह राशि हरियाणा सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर जारी की गई। जिससे किसानों को बड़ी राहत मिली है।
यहाँ पर जानकारी यह मिली है कि खरीफ-2024 में प्रतिकूल मौसम से प्रभावित कृषि और बागवानी फसलों पर किसानों को 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला किया गया था। जिसमें अभी तक किसानों को लगभग कुल 1345 करोड़ रुपये मिले है। साथ ही सरकार आगे भी किसानों के हित में काम करती रहेगी। चलिए आपको बताते है कि सरकार ने अन्य कौन से बड़े ऐलान किये है।
किसानों को मिलने वाले अन्य लाभ
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने किसानों को होने लाभ के बारें में-
- जमीन से जुड़े विवादों को रोकने के लिए सरकार ने बढ़िया फैसला लिया है। यहाँ पर राज्य सरकार ने कृषि भूमि पट्टा एक्ट लागू कर दिया है। जिससे किसानों और भूमि मालिकों के बीच सम्बन्ध न बिगड़ेंगे। साथ ही जमीन के कब्जे और मुआवजे को लेकर विवाद नहीं होंगे। सब कुछ साफ़ होगा।
- अब किसानों को इससे बड़ा लाभ होने वाला है बता दे कि शामलात जमीन में अगर 20 साल से काबिज पट्टेदार है तो उन्हें मालिकाना हक मिलेगा, जिससे गांवों में 500 वर्ग गज तक के पंचायती भूमि पर बने मकानों के निवासियों को भी मालिकाना हक मिल जाएगा। यानि कि इन सबको लेकर एक कानून रहेगा जिससे मानकर काम होगा।
- साथ ही सरकार ने पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और पराली का इस्तेमाल को लेकर, पराली प्रबंधन के लिए 10,393 कृषि यंत्रों पर 122 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की गई। जिससे किसानों को कई बड़े फायदे होंगे।
- इतना ही नहीं जिन खेतो से हाई टेंशन बिजली लाइन जायेगी उन किसानों को भी फायदा होगा। किसानों के खेतों से गुजरने वाली हाई टेंशन बिजली लाइनों के लिए मुआवजा नीति बनी, जिसके तहत टावर एरिया की जमीन के लिए मार्केट रेट का 200% मुआवजा और लाइन के नीचे की भूमि के लिए 30% मुआवजा मिलेगा। जिससे किसानों की इन जमीनों से नुकसान नहीं होगा।