किसानों के पास कमाई का एक और जबरदस्त मौका, तोरई की खेती से होगी अब घर में धनवर्षा, तोरई की खेती बहुत ही आसाम मानी जाती है। तोरई एक महत्वपूर्ण सब्जी फसल है, जिसे गर्म और समशीतोष्ण जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। यह फसल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है। तोरई में विटामिन, खनिज और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं, जिससे इसकी बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है।
तोरई की खेती के लिए जलवायु और भूमि
तोरई के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी जिसमें अच्छी जल निकासी हो। इसका pH मान लगभग 6.0 से 7.0 के बीच होना जरूरी है।
तोरई की खेती कैसे करें
तोरई का बीज लगभग प्रति हेक्टेयर 3-4 किलोग्राम जरुरी होता है। इसकी खेती गर्मी में फरवरी-मार्च और बारिश में जून-जुलाई तो वही सर्दी में अक्टूबर-नवंबर में की जा सकती है। इसकी बुआई क्यारी में लाइन से लाइन की दूरी 2-3 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 50-60 सेमी रखी जाती है।
इसके बाद गर्मी के मौसम में 5-6 दिन में एक बार करनी चाहिए। ड्रिप सिंचाई पद्धति से पानी की बचत हो जाती है। बुवाई के 45-50 दिन बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इससे आप प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 100-150 क्विंटल होता है।
तोरई से कमाई
तोरई की कीमत मार्केट में मूल्य ₹15-30 प्रति किलो रहती है। तोरई से आप लगभग प्रति हेक्टेयर लगभग ₹1-1.5 लाख रुपये की कमाई कर सकते है। इस प्रकार आप इससे तगड़ी कमाई कर सकते है।