आग से जली फसल तो किसानों को आर्थिक नुकसान ना हो इसलिए राज्य सरकार किसानों को 17000 रुपए प्रति हेक्टेयर देगी। चलिए आपको बताते हैं योजना-
बढ़ती गर्मी से फसल में आग
जैसा कि आप जानते हैं आग में घी डालने से आग और तेज होती है। इस तरह बढ़ती गर्मी में एक छोटी सी चिंगारी भी पूरे खेत की फसल को जलाकर राख कर सकती है। इस समय दिन में बहुत ज्यादा तापमान रहता है। जिससे एक छोटी सी भी चूक अगर किसान से हुई तो फसलों में आग लग सकती है। बिहार में लगातार किसानों के खेतों में आग लगने की समस्या आ रही है। जिसको देखते हुए सचिव कृषि ने किसानों को सावधानी बरतने के लिए कहा है। तो चलिए आपको पहले यह बताते हैं कि किन बातों का ध्यान रखना है उसके बाद योजना के बारे में जानेंगे।
फसल में आग लगने से ऐसे बचाएं
किसान बड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और वह कभी नहीं चाहेगा कि उसकी फसल में आग लगे। लेकिन कभी-कभी कुछ छोटी बातों को नजर अंदाज करने से फसल में आग लग जाती है। जिसमें सचिव कृषि का कहना है की सबसे पहले तो किसानों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर उनकी फसल पक गई है तो जल्द से जल्द कटाई कर ले। उसके बाद खेत के आसपास कोई बीड़, सिगरेट जली नहीं फेंकना है। साथ ही किसान को खेतों के आसपास सूखा भूसा-चारा नहीं रखना है। जिससे आग फैल जाए।
साथ ही खेतों के आसपास पानी और रेत का इंतजाम करके रखना चाहिए। अगर किसी तरह की समस्या बढ़ी तो आग बुझा सके। उस जगह पर फसल नहीं रखनी चाहिए, जिसके ऊपर बिजली के हाई वोल्टेज वाले तार जाते हैं। क्योंकि वहां पर शॉर्ट सर्किट होने की अधिक संभावना रहती है। अगर किसी तरह की शार्ट सर्किट की समस्या आती है, तो स्थानीय बिजली विभाग में संपर्क करना चाहिए, सूचना देनी चाहिए।

आग लगने पर आर्थिक मदद
अगर फसलों में आग लगती है तो सरकार उनकी मदद करेगी। सरकार खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करती है। लेकिन अगर किसानों के ऊपर कोई समस्या का पहाड़ टूटता है तो उसमें भी मुआवजा देती है। जिसमें बिहार के सचिव कृषि कहना है कि अगर आग लगती है तो किसानों को जल्द से जल्द कृषि विभाग को सूचना देनी चाहिए। जिससे कृषि समन्वयक और प्रखंड कृषि पदाधिकारी तुरंत आपके खेत में पहुंचेंगे और खेत का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद अंचल अधिकारी को सूचना देंगे।
जिससे आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी। यहां पर जिन के खेतों में वर्षा आधारित फसल लगी हुई है उन्हें 8500 एक हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाएगा। लेकिन जिन लोगों ने सुनिश्चित सिंचाई वाले क्षेत्र में खेती की है तो उन्हें ₹17000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दिया जाएगा। जिससे खेती में जो लागत आई है उसमें किसानों की मदद हो सके।