किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी देने और उन्हें खेती का सही तरीका बताने के लिए कृषि सखियों की नियुक्ति की जाएगी, तो आइए जानते हैं इससे किसानों को क्या फायदा होगा-
किसानों को 4 हजार रु और कृषि सखियों को 8 हजार रु मिलेंगे
किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी देने के लिए कृषि सखियों की नियुक्ति की जाएगी, कृषि सखियों को उनकी मदद के लिए हर महीने ₹8000 तक मिलेंगे, जिसमें हर दिन ₹300 मानदेय और आने-जाने के लिए ₹200 दिए जाएंगे, कृषि सखियों को महीने में सिर्फ 16 दिन काम करना होगा, जबकि किसानों को कृषि द्वारा दी गई जानकारी के साथ खेती करने के लिए ₹4000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी सखियाँ, तो चलिए आपको बताते हैं कि सरकार का उद्देश्य क्या है।
राज्य सरकार का उद्देश्य
दरअसल बात बिहार राज्य सरकार की हो रही है जहाँ सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना बना रही है। जिसमें राज्य में 800 कृषि सखियों की नियुक्ति की जाएगी। कृषि सखियों का काम किसानों तक प्राकृतिक खेती की जानकारी पहुँचाना, किसानों का पंजीकरण करना, प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना, इसके अलावा मोबाइल के माध्यम से काम करना, कृषि वैज्ञानिकों के साथ काम करना, किसानों को फसल चक्र के बारे में जानकारी देना आदि होगा।

ताकि राज्य में अधिक से अधिक लोग प्राकृतिक खेती से जुड़ सकें और रासायनिक खादों से दूरी बना सकें। इस योजना के तहत राज्य के 50000 किसानों को लाभ मिलने वाला है। सरकार किसानों को ₹4000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी देगी जिसमें 20000 हेक्टेयर जमीन में प्राकृतिक खेती की जाएगी। राज्य में 266 जैविक संसाधन केंद्र भी बनाए जाएँगे जहाँ से जैविक खाद, कीटनाशक आदि मिलेंगे।
कैसे होगा कृषि सखियों का चयन
बिहार में जिन 800 कृषि सखियों का चयन किया जाएगा, उनके लिए अभी आवेदन प्रक्रिया की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन जल्द ही आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। जिसमें पंचायत स्तर पर यह आवेदन जमा होंगे। स्वयं सहायता समूह और ग्राम स्तर पर संस्थाएं कृषि सखियों का चयन करेंगी। कृषि सखियों को कृषि शिक्षकों के कृषि विभाग के अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों के द्वारा ट्रेनिंग और खेती से जुड़े जानकारी मिलेगी।