जंगली जानवरों से खेत को सुरक्षित रखने के लिए तारबंदी एक मजबूत विकल्प है। जिसके लिए सरकार 300 करोड रुपए खर्च कर सकती है, चलिए जानते हैं किन किसानों को तारबंदी योजना का फायदा होगा-
300 करोड रुपए खेतों पर होंगे खर्च
किसान जंगली जानवरों से अपनी फसल को सुरक्षित कर लेते हैं तो अच्छी कमाई कर लेते हैं। लेकिन जंगली जानवरों का खतरा पहले से अधिक बढ़ गया है। जंगल से उतरकर खेतों में अधिक जानवर आ रहे हैं। जिससे रातों-रात किसान की फसल बर्बाद हो जाती है। इसीलिए उद्यान विभाग, बागपत द्वारा तारबंदी योजना के लिए प्रस्ताव रखा गया है। जिसमें करीब 300 करोड रुपए सरकार खर्च करेगी। लेकिन यहां पर किसानों को भी 50% खर्च करने पड़ेंगे। तो चलिए जानते हैं योजना क्या है, किसे लाभ मिलेगा, और कौन से किसानों को ज्यादा अहमियत दी जाएगी।
400 मीटर कांटेदार तारबंदी की जाएगी
बागवत के किसान जंगली जानवरों से परेशान है। इसीलिए उद्यान विभाग द्वारा तारबंदी का प्रस्ताव सरकार के सामने पेश किया गया है। जिसमें 25000 हेक्टेयर की जमीन में तारबंदी की जाएगी। जिस पर 300 करोड रुपए खर्च का प्लान शासन को बताया गया है। यहां पर डेढ़ सौ करोड़ रुपये किसानों द्वारा खर्च होंगे। बता दे की एक हेक्टेयर की जमीन में चारों तरफ तारबंदी करने के लिए लगभग लगभग 400 मी. कांटेदार तारबंदी की जाएगी। 1 मीटर में ₹300 खर्च होंगे। जिसका 50% यानी कि 150 रुपए सरकार आर्थिक मदद करेगी, बाकी का किसानों को देना पड़ेगा। इस तरह कम लागत में खेतों में तारबंदी हो जाएगी।
यह किसान होंगे लाभान्वित
जिन किसानों को ज्यादा जरूरत है, उन्हें इस योजना का लाभ पहले मिलेगा। बता दे की एकीकृत बागवानी योजना के अंतर्गत खेतों में तारबंदी की जा रही है। जिसमें सब्जी, बागवानी, दलहन फसलों की खेती करने वाले किसानों को पहले लाभ दिया जाएगा। उद्यान विभाग द्वारा सब्जियों और बागवानी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे किसानों के अच्छी आमदनी होती है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है तो अगले महीने यानी के अप्रैल में योजना का लाभ किसानों को मिल जाएगा।