गेहूं की कीमतों को लेकर किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा है। साल 2025 के शुरू होते ही गेहूं की कीमतों में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है आपको बता दे कि गेहूं के भाव MSP से बहुत ज्यादा ऊपर जा चुके हैं। बीते 3 सालों में गेहूं के भाव लगभग 53 फ़ीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। अब ऐसे ही गेहूं की बढ़ती कीमतों को रोकना जैसे एक मुसीबत बन चुकी है। अगर गेहूं के भाव को नहीं रोका गया तो महंगाई बढ़ती जाएगी और आम जनता के लिए मुश्किलें भी।
अब ऐसे में बढ़ती कीमतों को लेकर किसानों में खुशी का माहौल है लेकिन आम जनता परेशान हो चुकी है। बीते दो हफ्ते में गेहूं के भाव में तगड़ा उछाल देखने को मिला है कम करने को लेकर सरकार कई कदम उठा रही है लेकिन इसमें उनका कोई सफलता नहीं मिल पा रही है। अब ऐसे में सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
गेहूं के वर्तमान भाव
गेहूं की कीमत में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। जिसके चलते आम जनता की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है अब ऐसे में सरकार भी कई प्रयास कर रही है कि गेहूं की कीमतों को कंट्रोल में लाया जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। बीते सप्ताह गेहूं के रेट में लगभग चार प्रतिशत का उछाल देखा गया।
वहीं इस उछाल को लेकर आम जनता भी परेशान है तो वही सरकार भी परेशान है। बीते तीन सालों में 53% से भी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यहां जहां गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 तय किया गया था। वही फिलहाल गेहूं के भाव इससे लगभग 30% से ज्यादा ऊपर जा चुके हैं। फिलहाल गेहूं के भाव लगभग 3210 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं। जोकि MSP से कई गुना ज्यादा ऊपर है।
गेहूं की बुआई के रकबे में हुई इस बार बढ़ोतरी
गेहूं की बुवाई की अगर बात करें तो बता दे कि इस बार साल 2024 और 25 में गेहूं की खेती बढ़ाया गया है। इस बार बीते कई सालों के मुकाबले लगभग 2.1 प्रतिशत तक ज्यादा बुवाई की गई है। बता दे कि यहां लगभग 322 लाख हेक्टेयर की बुवाई की गई है। वही इस बार किसानों ने सामान्य मात्रा की बजाय 8 लाख हेक्टेयर ज्यादा जमीन पर गेहूं की खेती की है। अब ऐसे में इस बार गेहूं ज्यादा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
समर्थन मूल्य बढ़ाया गया
गेहूं की लगातार बढ़ती कीमतों को देखकर सरकार की तरफ से एमएसपी रेट में लगभग ₹150 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। इसके बाद इसका मूल्य 2725 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। आपको बता दे कि इसमें गेहूं की बुवाई का रकबा भी बढ़ाया गया और एमएससी में भी बढ़ोतरी की गई इसके बाद भी गेहूं की कीमतों में किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं देखा गया है। लगातार कीमत बढ़ती नजर आ रही है।
गेहूं की कीमतो में कमी की उम्मीद
गेहूं की लगातार बढ़ती कीमतों को देखकर केंद्र ने खाद्य निगम के जरिए से लगभग 25 लाख टन गेहूं की बिक्री ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से शुरू कर दी है लेकिन प्रक्रिया बहुत ही धीमी चल रही है। अब ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नया गेहूं नहीं आता है तब तक कीमतों में कमी आने की कोई उम्मीद नहीं है। अब ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले अप्रैल तक गेहूं की बढ़ती कीमतों से छुटकारा मिल सकता है। गेहूं की कीमती आने वाले अप्रैल में कम हो सकती है।