ठंड में पशु बिमार हो जाते है, जिसके लिए गोवंश आश्रय केंद्रों पर पशुओं के लिए तगड़े इंतजाम किये जा रहे है। जी हाँ आपको बता दे कि पशुओं को (Cow Coat) पहनाया जा रहा है। चलिए जानते है इतनी बढ़िया व्यवस्था कहा हो रही है-
ठंड में पशु नहीं होंगे बीमार
सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कई तरह के प्रयास किये जा सकते है। जिससे वह बीमार नहीं पड़ेंगे। जिसमें आपको बता दे कि चंदौली जिले के 23 गोवंश आश्रय केंद्र में संरक्षित लगभग 2 हजार पशुओं के लिए बढ़िया व्यवस्था की गई थी। जिससे उन्हें ठंड ना लगे। यहाँ पर पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं को काऊ कोट पहनाने, तिरपाल से ढकने का काम किया जा रहा है। जिससे उन्हें शीतलहर से बचाया जा सके।
पशुओं को पहनाएं जा रहे काऊ कोट
चंदौली, नियामताबाद क्षेत्र के कठौड़ी आश्रय स्थल के पशुओं को कोट पहनाये जा रहे है। जिसमें 175 पशुओं को काऊ कोट पहनाया गया है। वही जहाँ पर बड़ी संख्या पशु बैठ रहे है उन्हें प्लास्टिक ओढ़ाया जा रहा है। जिससे ठंड उन्हें ना लगे। इसके आलावा ताराजीवनपुर के ककरही कला आश्रय स्थल और पटपरा केंद्र में पशुओं के लिए ठंड से बचाने की व्यवस्था की जा रही है। यहाँ पर क्रमशः 52 और 80 पशु है। जिनके लिए तिरपाल और काऊ कोट के साथ अलाव जलाने की भी व्यवस्था की जा रही है। जिससे पशु बीमार न हो।
केंद्र प्रभारियों को दिए गए शख्त निर्देश
केंद्र प्रभारियों को पशुओं की देखभाल करने के उद्देश्य से शख्त निर्देश दिए गए है। जिसमें कहाँ गया है कि पशुओं को खुले में न रखें, गोबर-मूत्र की निकासी पर ध्यान रखे ताकि पशुओं को ठंड ना लगे। पशुओं को गर्म करने के लिए उन्हें संतुलित आहार दे। जिससे वह सेहतमंद रहे। क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी ठंड से सुरक्षा के लिए रोजाना देखभाल और इलाज का प्रबंध किया गया है। इसके आलावा पशुपालको को बताया जा रहा है कि पशुओं की देखभाल कैसे करें, उन्हें ठण्ड से कैसे बचाएं।