बीते कई सालों के मुकाबले गेहूं के भाव में हुआ जबरदस्त इजाफा। गेहूं की कीमतें फिलहाल सातवें आसमान पर जाकर बैठी हुई है अब ऐसे में कई किसानों का फायदा हो रहा है क्योंकि लोगों ने गेहूं को स्टॉक करके रखा हुआ है इतना ही नहीं गेहूं की अच्छी खासी कीमतों से किसान बेहद खुश है। वही आम जनता के लिए गेहूं के बढ़ते भाव परेशानी का सबक बन चुके हैं। बीते कई सालों के मुकाबले इस साल गेहूं की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है।
गेहूं की बढ़ती कीमतें लगातार लोगों के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है क्योंकि आम जनता के लिए यह एक बहुत बड़ा झटका है। आपको बता दे कि गेहूं के रेट फिलहाल MSP से कई गुना ज्यादा ऊपर चल रहे हैं। देशभर की मंडियों में गेहूं के भाव अलग-अलग चल रहे हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
गेहूं के भाव में थोड़ा रिकॉर्ड
गेहूं के भाव बीते दो महीने से बहुत ज्यादा बढ़ चुके हैं। आपको बता दे की गेहूं के भाव फिलहाल 3010 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं यह बीते साल की तुलना में बहुत अधिक है। जहां सरकार की तरफ से एमएसपी रेट 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था वहीं गेहूं के रेट इससे बीते साल की तुलना में 53% ज्यादा है। गेहूं की बढ़ती कीमतें आम जनता के लिए मुसीबत का सबक बनती जा रही है।
बीते 3 सालों में इतना बढ़ा गेहूं का भाव
गेहूं की कीमतों में फिलहाल जबरदस्त तेजी देखी गई है। आपको बता दे की हाल ही में पिछले सप्ताह गेहूं के रेट में ₹20 प्रति क्विंटल की तेजी देखी गई। वही अब गेहूं का रेट लगभग 3010 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। पिछले तीन सालों की तुलना में गेहूं का रेट 54% ज्यादा बढ़ा है।
बुवाई के रकबे में बढ़ोतरी
इस साल गेहूं की बुवाई अधिक मात्रा में की गई है। आपको बता दे कि बीते सालों की तुलना में इस बार लगभग 323 लाख हेक्टेयर जमीन में गेहूं की बुवाई की गई है जो कि बीते सालों की तुलना में 2.35 प्रतिशत ज्यादा है। अब ऐसे में गेहूं की बुवाई की बढ़ोतरी होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में गेहूं के दामों से राहत मिलेगी।
वहीं सरकार की तरफ से जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया था। जिसमें फिलहाल ₹150 की वृद्धि की घोषणा हो चुकी है। इसके बाद भी गेहूं के भाव कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। गेहूं के बढ़ते दाम आम जनता और सरकार के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं।
गेहूं की रेट बढ़ने का कारण
गेहूं की कीमतें बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि किसानों द्वारा समय पर गेहूं नहीं बेचे गए साथ ही लोग गेहूं का स्टॉक करके रख रहे हैं। जिसकी वजह से इसकी आपूर्ति पर असर पड़ा और गेहूं की डिमांड बढ़ती गई और कीमतों में तेजी आती गई।
गेहूं की कीमतों में कमी की उम्मीद
गेहूं की कीमतों में लगातार तेजी होने के बाद में अब ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार गेहूं की बुवाई का रकबा बढ़ा है। जिसके चलते आने वाले समय में जब गेहूं की नई फसल आ जाएगी तब आने वाले महीने अप्रैल में गेहूं की कीमतों में कमी देखी जा सकती है।