सरकार द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं उनको फसलों का उचित मूल्य प्रदान करने के लिए कई फैसले लिए जा रहे हैं। इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए फसलों के प्रति एकड़ औसत उत्पादन की सीमा में बढ़ोतरी की है। सरकार ने यह फैसला रबी सीजन वर्ष 2024-25 में लगाई गई फसलों के लिए लिया है। जिससे किसानों को काफी फायदा होगा, जो प्रति एकड़ संभावित उत्पादन से अधिक पैदावार होने के कारण अपनी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी की MSP पर बेच नहीं पाते थे।
राज्य सरकार ने किसानों की समस्या को देखते हुए प्रति एकड़ संभावित उत्पादन की सीमा का अध्ययन करने हेतु कमेटी का गठन किया था। कमेटी द्वारा दिए गए सुझावों को मुख्यमंत्री ने मंजूरी देते हुए प्रति एकड़ औसत उत्पादन की सीमा को तय किया गया है। यह निर्णय रबी खरीद सीजन 2025-26 में प्रभावी होगी।
अब प्रति एकड़ इतनी की गई उत्पादन सीमा
एक सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार जौ की फसल उत्पादन सीमा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 16 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया है। चने का औसत उत्पादन सीमा 5 क्विंटल से बढ़ाकर 6 क्विंटल प्रति एकड़ तथा सूरजमुखी की उत्पादन सीमा 8 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया है। वहीं गर्मी में पैदा होने वाली मूंग की फसल का औसत उत्पादन सीमा को बढ़ाते हुए 3 क्विंटल से 4 क्विंटल प्रति एकड़ किया गया है।
इसी प्रकार कमेटी ने मसूर की दाल के औसत उत्पादन को भी फिक्स किया है, जो अभी तक फिक्स नहीं था। कमेटी के अनुसार मसूर का औसत उत्पादन अनुमान प्रति एकड़ 4 क्विंटल तय किया गया है। हालांकि गेहूँ की उत्पादन सीमा प्रति एकड़ 25 क्विंटल ही रखी गई है। प्रवक्ता ने बताया कि कमेटी ने औसत उत्पादन में बढ़ोतरी को देखते हुए यह निर्णय लिया है। इससे चना, जौ, सूरजमुखी, मूंग और मसूर की खेती करने वाले किसानों को फायदा मिलेगा और उन्हें आर्थिक लाभ भी होगा।