हरी-भरी इस सब्जी की खेती किसानो को बनाएगी लखपति, जाने खेती की प्रक्रिया। ब्रोकली एक पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है, जो मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में उगाई जाती है। यह गोभी वर्गीय सब्जी है और इसमें प्रोटीन, विटामिन C, कैल्शियम और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। भारत में इसकी खेती धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रही है क्योंकि इसकी बाजार में अच्छी मांग है। आइए ब्रोकली की खेती के बारे में जानते है।
ब्रोकली की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
ब्रोकली के लिए ठंडी जलवायु उपयुक्त होती है। तापमान 15°C से 25°C के बीच सबसे अच्छा होता है। इसके लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी, जिसमें जैविक पदार्थ अधिक मात्रा में हो, इसके लिए सर्वोत्तम होती है। इसकी मिट्टी का pH मान लगभग 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।
ब्रोकली की खेती कैसे करें
उत्तर भारत में अगस्त से अक्टूबर के बीच बीज बोना उचित होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में मई से जुलाई के बीच बोआई की जाती है। इसके बीजों को पहले नर्सरी में तैयार किया जाता है और फिर पौधों को खेत में लगाया जाता है। पौधों की कतार से कतार की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 30 से 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए। पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें।
इसकी सर्दियों में 10-12 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। फसल के फूल बनने के समय सिंचाई बहुत जरूरी होती है। यह फसल बीज बोने के 70-90 दिन बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। जब ब्रोकली के फूल गहरे हरे रंग के और अच्छी तरह से बने हों, तभी उनकी कटाई करें। फसल लगभग 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
ब्रोकली से कमाई
ब्रोकली की बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। इसका उपयोग ताजी सब्जी, सलाद और प्रोसेसिंग उद्योगों में किया जाता है। स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के कारण इसकी मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है। जिसके चलते आप इससे एक एकड़ में लगभग 4 से 5 लाख आराम से कमा सकते है।