1 एकड़ की जमीन से 18 लाख रु की कमाई करना चाहते है तो चलिए आपको बताते हैं एक ऐसे फल की खेती के बारे में जिससे अच्छी खासी कमाई की जा सकती है-
18 महीने में 18 लाख
18 महीने में 18 लाख यानी की 1 महीने की 1 लाख की आमदनी, यह किसी किसान के लिए एक बहुत बड़ी रकम है। जबकि आज आपको एक फल की खेती की जानकारी देने जा रहे हैं। जिसका सेवन रोजाना होता है। लेकिन खेती कम किसान करते हैं। अधिकतर किसान पारंपरिक फसल की खेती करते हैं। लेकिन फलों की खेती में किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है। इसलिए इंडियन फार्मर संतोष का कहना है कि केले के खेती से 18 महीने में 18 लाख रु की कमाई की जा सकती है, यह एक अच्छा विकल्प है।
रोपाई का समय
केले की खेती करना चाहते हैं तो किसान का कहना है कि इसकी रोपाई दिसंबर से जनवरी के बीच में की जाती है और सर्दियों से पहले तुड़ाई पूरी हो जाती है। जिससे किसानों को एक सीजन में ही पूरे 9 लाख का मुनाफा हो जाता है और दो सीजन में 18 लाख रु। इस तरह किसान दो फसल लेकर भी लाखों का मुनाफा ले सकते हैं। क्योंकि केला सेहत के लिए फायदेमंद होता है, और अच्छी खेती की जाए फल की गुणवत्ता अच्छी होगी तो दाम ऊंचे मिलेंगे।
प्रति एकड़ उत्पादन
1 एकड़ में अगर केले की खेती की जाती है तो उत्पादन 30 टन तक लिया जा सकता है। इस हिसाब से अगर ₹30 अभी केले की कीमत मिलती है, तो एक सीजन में 9 लाख रु की कमाई होती है। केले की खेती में अगर किसान खाद, पानी, जलवायु आदि का ध्यान रखें तो अच्छा उत्पादन मिलेगा। फलों की गुणवत्ता भी बढ़िया होगी। जिसमें कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि टिश्यू कल्चर में अधिक उत्पादक किसानों को मिलता है।
जलवायु, मिट्टी और खाद
केले की खेती के लिए जलवायु मिट्टी का ध्यान किसान जरूर रखें। जलवायु की बात करें तो गर्म और आद्र जलवायु अच्छी मानी जाती है। मिट्टी के बात कर तो सो सूखी, दोमट मिट्टी इसके लिए बेहतर होती है। केले की खेती के लिए जालोद और ज्वालामुखी मिट्टी भी अच्छी मानी जाती है मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच हो तो बेहतर होता है। वह किसान जिनके खेत की मिट्टी छारीय और खारी है उन्हें केले की खेती नहीं करना चाहिए। इससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
केले की खेती के लिए गड्ढो में 20 किलो सड़ी गोबर की खाद, 1 किलो नीम की खली डालनी चाहिए। इसके अलावा केले की खेती करने वाले अन्य किसानों से भी समय संपर्क करते रहना चाहिए। मिट्टी की जांच करवा लेंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा। मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार खाद दे। खेत की मिट्टी अम्लीय है तो चूना दे, सोडियम वाली मिट्टी है तो जिप्सम दे, और उसर मिट्टी है तो कार्बनिक पदार्थ मिलाया जाता है। इससे मिट्टी बेहतर होती है। फसल से निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थ से भी खाद बनाई जाती है।