सर्दियों के मौसम में शीतलहर के चलते ठंड और बढ़ जाती है इस मौसम में सरसों की फसल पर कीट रोग का खतरा बहुत तेजी से बढ़ने लगता है तो चलिए जानते है कैसे बचाव करना चाहिए।
सरसों की फसल का दुश्मन है ये कीट
Agriculture tips ठंड के दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ती है। ऐसे में सरसों की फसल पर कीट लगने का खतरा होता है जिससे पूरी सरसों की फसल खराब हो सकती है। ऐसे में सही समय पर सही दवा और देखभाल करना बहुत जरुरी होता है। जिससे ये कीट फसल को नुकसान नहीं पहुंचा पाता और फसल सुरक्षित रहती है। ये कीट छोटे भूरे और काले रंग का होता है ये सरसों के पौधों का रस चूसकर और उनकी ग्रोथ को रोक देते है। जिससे पौधे अच्छे से विकसित नहीं हो पाते है और फलियों में दाने नहीं बन पाते है जिससे सरसों का उत्पादन कम हो जाता है। हम बात कर रहे है लाही कीट की तो चलिए जानते है लाही कीट से सरसों की फसल को कैसे बचाना है।
ऐसे करें बचाव होगी शानदार पैदावार
सरसों की फसल को लाही कीट से बचाने के लिए नीम के तेल और सर्फ का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। नीम का तेल जैविक कीटनाशक का काम करता है और फसल के उत्पादन को भी बढ़ाता है लाही कीट मौसम में बदलाव की वजह से ज़्यादा प्रकोप करता है। इसके अलावा आप क्लोरोपायरीफॉस 20% EC कीटनाशक का छिड़काव भी सरसों की फसल में कर सकते है ये सरसों की फसल को लाही कीट से बचाने के लिए बहुत लाभकारी और उपयोगी कीटनाशक होता है।
कैसे करें उपयोग
सरसों की फसल को लाही कीट से बचाने के लिए 200 मिलीलीटर दवा को 210 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे के करना है इसका अलावा 200 लीटर पानी में नीम के तेल और सर्फ को अच्छे मिलाकर इस लिक्विड फर्टिलाइजर को भी सरसों की फसल में छिड़काव कर सकते है। ऐसा करने से सरसों की फसल में लाही कीट का जड़ से नामोनिशान मिट जाता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।