भिंडी की खेती में कीट रोग का बहुत आतंक होता है जो फसल को खूब नुकसान पहुंचता है और फसल की बंपर पैदावार में गिरावट लाता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है कीट रोग के रोकथाम के उपाय क्या है।
भिंडी की खेती में कीट रोग का आतंक होगा खत्म
भिंडी की खेती में पीला मोजैक रोग, सफेद मक्खी और अन्य रस चूसने वाले कीटों का बहुत आतंक मचा हुआ होता है जो फसल को बर्बाद कर देते है। ऐसे में समय रहते रोकथाम के उपाय लेना करना चाहिए जिससे फसल बर्बाद होने से बच जाती है। आज हम आपको एक ऐसी दवा के बारे में बता रहे है जो मुख्य रूप से सफेद मक्खी और अन्य रस चूसने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए फायदेमंद और असरदार साबित होती है तो चलिए जानते है कौन सी दवा है।
भिंडी के पौधों में करें इस चीज का छिड़काव
भिंडी की फसल में छिड़काव के लिए हम आपको इमिडाक्लोप्रिड दवा के बारे में बता रहे है इमिडाक्लोप्रिड एक कीटनाशक है जिसका इस्तेमाल भिंडी के पौधों में मुख्य रूप से सफेद मक्खी और अन्य रस चूसने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए किया जाता है जो पीला मोजेक रोग फैलाते है इस दवा का उपयोग समय रहते भिंडी की फसल में करने से पैदावार में भी खूब वृद्धि होती है। इसका उपयोग कीट लगने पर फसल में जरूर करना चाहिए।
कैसे करें उपयोग
भिंडी की फसल में इमिडाक्लोप्रिड दवा का उपयोग बहुत लाभकारी और फायदेमंद साबित होता है इसका उपयोग करने के लिए 2ml दवा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों में छिड़काव करना चाहिए ऐसा करने से भिंडी की फसल में लगे सभी कीट जड़ से खत्म हो जाते है और भिंडी की पैदावार जबरदस्त होती है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।