अगर आप भी सब्जी की खेती करते हैं जैसे की मिर्च-टमाटर आदि। तब चलिए आपको बताते हैं कौन सी खाद देने से उत्पादन अधिक मिलता है-
सब्जियों की खेती में मुनाफा
मिर्च-टमाटर जैसी सब्जियों की खेती में किसानों को मुनाफा है। मिर्ची लंबी अवधि की फसल है। जिसमें किसानों को लंबे समय तक मुनाफा होता है। कई बार उत्पादन किस ले लेते हैं। लेकिन अगर किसान शुरुआत से ध्यान देंगे तो उत्पादन पहले के मुकाबले अधिक मिलेगा। जिससे कमाई भी ज्यादा होगी। मिर्च टमाटर जैसी फसलों से ज्यादा उत्पादन लेने के लिए फुटाव पर ध्यान देना पड़ता है।
ज्यादा फुटाव आएंगे तभी ज्यादा उत्पादन मिलेगा। तो चलिए इस लेख में आपको बताते हैं की फसल के जड़ का विकास और फुटाव अधिक लेने के लिए क्या करना चाहिए। कीट-रोग से बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जड़ विकास के लिए खाद
एक मजबूत फसल लेने के लिए उसकी जड़ों का विकास होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। जिसके लिए किसानों को फास्फोरस वाली खाद देना चाहिए। अधिकतर किसान जब तक पौधे में फूल नहीं आते हैं तो उसे समय नाइट्रोजन युक्त खाद देते हैं। जिससे पौधा सीधे-सीधे लंबा होता जाता है। उसमें शाखाएं कम होती है। फुटाव कम होते हैं, और जड़ का विकास भी अच्छे से नहीं होता तो ऐसे में उन्हें एनपीके 12610 देना चाहिए। यह जड़ में देना चाहिए स्प्रे नहीं करना चाहिए।
फूल आने के बाद खाद
अब जब आपकी फसल में फूल आने लगे तो उसके बाद एनपीके 05234 या 13 40 13 दे सकते हैं। यह दोनों उर्वरक है। इससे फायदा होता है।
फुटाव के लिए खाद
जैसा कि हमने जाना फुटाव अधिक होगा तो उत्पादन अधिक मिलेगा। फुटाव के लिए फुल्विक एसिड प्रीमियम क्वालिटी का दे सकते हैं। इससे फूल भी ज्यादा आते हैं, और फल अधिक आते हैं। जड़ का विकास अधिक होता है। फुटाव के लिए भी है सही है।
सीवीड फर्टिलाइजर
किसानों के लिए सीवीड फर्टिलाइजर बहुत ही ज्यादा बढ़िया खाद होती है। इससे पौधे को तनाव में जाने से रोका जा सकता है। उसे कई तरह के पोषक तत्व जैसे कि जिंक, नाइट्रोजन, फास्फोरस आदि दिया जा सकता है। इससे फुटाव भी होता है। पौधे का विकास भी होता है। उत्पादन भी अधिक मिलता है।
सूक्ष्म पोषक तत्व
किसानों को सब्जी की फसलों को सूक्ष्म पोषक तत्व भी दो से तीन बार देना चाहिए। इससे हर तरह का पोषण मिलता है। इसकी पौधो को बहुत ज्यादा जरूरत होती है।
रोग-कीट से फसल बचाएं
किसानों को अपनी फसल को रोग-कीट से बचाना चाहिए। समय-समय पर स्प्रे करना चाहिए। जिसमें 10 या 15 दिन के अंतराल में स्प्रे कर देना चाहिए। ताकि कोई भी कीट या रोग आने से पहले ही किसान अपनी फसल को बचा सके। माहू, थ्रिप्स, येलो-ब्लैक थ्रिप्स, काले रंग के छोटे कीड़े कई तरह के कीट पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान को अपनी फसल को पहले ही एक कवच पहना देना चाहिए। समय-समय पर स्प्रे करते रहना चाहिए। ताकि यह कीट रोग फसल को ना घेर पाएं।
इसके अलावा निमेटोड से भी फसल को बचाना चाहिए। निमेटोड अगर फसल को पकड़ लेता है तो फसल उखाड़नी पड़ जाती है। लेकिन इससे बचाव नहीं हो पाता। इसलिए पहले ही इसका समाधान करना चाहिए।