गेहूं की खेती में सिंचाई के बाद फसल में पीलापन एक आम समस्या है फसल में पीलापन आ जाने से पौधों की वृद्धि में प्रभाव पड़ता है जिससे अच्छे से ग्रोथ नहीं हो पाती है और उत्पादन कम हो जाता है तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते है की कौन सी चीज डालने से फसल की ग्रोथ तेजी से होने लगती है।
गेहूं की फसल में नहीं हो रही ग्रोथ
गेहूं की खेती बहुत ज्यादा लाभकारी होती है गेहूं की खेती में ज्यादा सिंचाई करने की वहज से, पोषक तत्वों की कमी से या फिर मिट्टी की संरचना बिगड़ने की वजह से पीलापन आता है जिसका सीधा असर पैदावार पर पड़ता है। फुटाव कम होना और पीलापन आ जाना ये लक्षण तब दिखाई देते है जब गेहूं के पौधों की जड़ों का विकास ठीक से नहीं हो पाता है। ऐसे में सही समय में उपाय कर लेने से फसल की ग्रोथ में ज्यादा असर नहीं पड़ता और उत्पादन भी अच्छा होता है।
अपनाएं ये 3 में से कोई एक फॉर्मूला
गेहूं की फसल में पीलापन आने से पौधों और जड़ों की ग्रोथ अच्छे से नहीं हो पाती है इस समस्या का समाधान करने के लिए जरूरी है की फास्फेटिक उर्वरकों की पूर्ति की जाए इसके लिए एनपीके को पानी में मिलाकर घोल बनाकर एक एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा 25 ग्राम चिलेटेड जिंक को 120 लीटर पानी में घोल बनाकर भी एक एकड़ फसल में छिड़काव कर सकते है। इसका उपयोग पौधों में जिंक की कमी को दूर करने के लिए उर्वरक के रूप में किया जाता है गेहूं के पौधों के विकास और अधिक उपज के लिए जिंक की आवश्यकता होती है। या फिर आप यूरिया को 120 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाकर छिड़काव कर सकते है। ऐसा करने से फ़ुटाव बढ़ेगा साथ ही पौधों से पीलापन की समस्या भी दूर होगी और गेहूं की बालियों से खेत हरा भरा हो जाएगा।
गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए उपाय
- गेहूं की फ़सल में कीट-रोगों से बचाव के लिए उचित समय पर सही उपाय अपनाएं।
- गेहूं की फसल में ज्यादा सिंचाई नहीं करनी चाहिए ज़रूरत के मुताबिक और सही समय पर सिंचाई करें।
- गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों का इस्तेमाल करें।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।