Kumbhkaran: आखिर क्यों 6 महीनों के लिए क्यों सोता था कुंभकर्ण? जानिए क्या मिला था अभिशाप
Kumbhkaran: कुंभकर्ण का नाम अक्सर जो व्यक्ति अधिक सोता है उसके लिए लिया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुंभकर्ण को अधिक सोने के लिए ही जाना जाता है। रावण का भाई होने के बाद भी उसकी पहचान अधिक निद्रा के लिए होती है। लेकिन ऐसा क्यों हैं? आखिर क्यों कुंभकर्ण इतना अधिक सोता था? तो आइए इसी क्रम में इस लेख में जानते हैं कि आखिर कुंभकर्ण क्या श्राप मिला था जिसके कारण वह इतना अधिक सोता था।
कौन था कुंभकर्ण (Who Was Kumbhkaran)
रामायण के अनुसार कुंभकर्ण रावण का छोटा भाई था और वह शारीरिक रूप से बचपन से ही बलवान हुआ करता था इसके साथ ही व रावण की भांति ही बहु तपस्वी हुआ करता था, लेकिन शरीर बड़ा होने के कारण वह बहुत अधिक भोजन करता था। वह इतना अधिक भोजन करता था कि नगर का सारा खाना ही समाप्त हो जाता।
कुंभकर्ण क्यों सोता है अधिक?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि एक बार जब तीनों भाई कठोर तपस्या कर रहे थे तो ब्रह्म देव उनकी तपस्या से प्रसन्न होते हैं। ब्रह्म देव ने दोनों भाईयों को वरदान तो दे दिया, लेकिन जब कुंभकर्ण की बारी आई थी तो उससे पहले सभी देवताओं ने आग्रह किया था कि कुंभकर्ण को वरदान देते समय माता सरस्वती उसकी जिव्हा पर विराजमान हो जाएं। इसके बाद जैसे ही कुंभकर्ण वरदान मांगते हैं तो उसकी जुबान फिसल जाती है। कुंभकर्ण इंद्रासन की जगह पर निद्रासन बोलता है और इस पर ब्रह्मदेव तथास्तु कहते हैं। इसके बाद ही कुंभकर्ण को अपने द्वारा मांगे गए वरदान का पश्चताप होता है, फिर वह ब्रह्म देव से इसका निवारण मांगते हैं और फिर ब्रह्म देव उसकी निद्रा अवधि को घटाकर 6 महीने कर देते हैं। यही कारण है कि कुंभकर्ण 6 महीने सोता और 6 महीने जागता है।