Bank KYC Document: बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बड़ी राहत दी है। अब बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) ग्राहकों से बार-बार KYC (Know Your Customer) दस्तावेज मांगने के लिए कॉल या मैसेज नहीं कर पाएंगी।
RBI के ताजा निर्देशों से उन ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है, जो लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि बैंक बार-बार केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर परेशान करते हैं। आइए जानते हैं इस पूरे मामले और RBI के नए दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तार से।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों को दिया सख्त निर्देश
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में RBI लोकपालों के वार्षिक सम्मेलन में बैंकों और NBFCs को साफ निर्देश दिया कि अब ग्राहक से बार-बार KYC दस्तावेज जमा कराने के लिए दबाव नहीं डाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक बार जब ग्राहक KYC प्रक्रिया पूरी कर देता है और दस्तावेज जमा कर देता है, तो उसके बाद बार-बार उसी प्रक्रिया के लिए परेशान करना उचित नहीं है।
साथ ही उन्होंने बैंक और NBFCs से अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की बात भी कही ताकि ग्राहकों को बार-बार शाखाओं में न जाना पड़े।
ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों पर RBI का एक्शन
पिछले कुछ समय से ग्राहकों की तरफ से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि बैंक और वित्तीय कंपनियां उन्हें बार-बार कॉल कर KYC डॉक्यूमेंट दोबारा जमा करने के लिए कहती हैं।
इन शिकायतों के बाद RBI ने यह कदम उठाया है ताकि ग्राहकों को राहत मिल सके। RBI गवर्नर ने कहा कि यह न केवल ग्राहकों के समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि यह बैंकिंग सेवा में असुविधा भी पैदा करता है।
डिजिटल माध्यम से KYC प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर
संजय मल्होत्रा ने अपने बयान में कहा कि बैंकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।
KYC प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से पूरा किया जा सकता है ताकि ग्राहकों को शाखाओं में बार-बार जाने की जरूरत न पड़े।
उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल KYC से न सिर्फ प्रक्रिया आसान होगी बल्कि बैंकिंग सिस्टम में पारदर्शिता और कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।
केंद्रीय डेटाबेस से जुड़ने की सलाह
RBI गवर्नर ने कहा कि अभी भी कई बैंक और NBFCs की शाखाओं को केंद्रीय डेटाबेस से पूरी तरह कनेक्ट नहीं किया गया है।
इसका नतीजा यह होता है कि एक शाखा में KYC अपडेट कराने के बाद भी दूसरी शाखा या कॉल सेंटर से ग्राहक को बार-बार वही दस्तावेज जमा करने के लिए कहा जाता है।
इस समस्या को हल करने के लिए RBI ने सभी बैंकों से अपने सिस्टम को केंद्रीय डेटाबेस से जोड़ने को कहा है।
नए नियमों का पालन नहीं करने पर होगी सख्त कार्रवाई
RBI ने यह भी साफ कर दिया है कि ये निर्देश अनिवार्य हैं और सभी बैंकों और NBFCs को इसका पालन करना होगा।
अगर कोई बैंक या NBFC इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। RBI ने बैंकों को चेतावनी दी है कि ग्राहक सेवा में लापरवाही या नियमों की अनदेखी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्यों होती है बार-बार KYC की जरूरत?
आमतौर पर बैंकों को RBI के दिशा-निर्देशों के तहत समय-समय पर ग्राहकों का KYC अपडेट करना होता है।
लेकिन अब डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल और KYC डेटा के केंद्रीयकरण के चलते यह प्रक्रिया सरल हो गई है।
इसके बावजूद कुछ बैंक पुराने सिस्टम पर काम कर रहे हैं और बिना जरूरी कारण के ग्राहकों से बार-बार KYC मांग लेते हैं, जो अब नहीं किया जा सकेगा।
ग्राहकों को क्या फायदा मिलेगा?
RBI के इस नए कदम से बैंकिंग ग्राहकों को कई फायदे मिलेंगे:
- बार-बार बैंक जाने या दस्तावेज जमा करने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।
- KYC अपडेट में लगने वाला समय और खर्च दोनों घटेगा।
- डिजिटल माध्यम से KYC प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
- ग्राहक सेवा में सुधार होगा और बैंकिंग का अनुभव बेहतर बनेगा।
KYC से जुड़े बदलावों पर क्या बोले ग्राहक?
कई बैंक ग्राहकों का कहना है कि यह फैसला बहुत जरूरी था।
ग्राहकों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में उन्हें बार-बार कॉल आ रही थी कि वे बैंक शाखा में जाकर KYC अपडेट कराएं।
हालांकि, वे पहले ही यह प्रक्रिया पूरी कर चुके थे। अब RBI के इस सख्त निर्देश से ग्राहकों को राहत मिलेगी और उन्हें फालतू की दौड़-भाग नहीं करनी पड़ेगी।