ग्राहक की सत्यता की पुष्टि करने के लिए KYC यानी कि ‘knowing your customer,’ करना जरूरी है। ग्राहकों को यह सुझाव दिया जाता है कि उन्हें फ्रॉड से बचने के लिए अवैध काम नहीं करना चाहिए। यह भी सुझाव दिया जाता है कि उन्हें अपनी निजी जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए।
केवाईसी में कौन से होते हैं डिटेल?
ग्राहकों के केवाईसी मेंउनके पर्सनल डिटेल जैसे कि कॉन्टैक्ट नंबर, पैन कार्ड डिटेल, नाम, पता और ब्लड ग्रुप आदि दिया गया है। साईबर अपराधी इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे जुड़े कई तरह के फ्रॉड हो रहे हैं। इसके जरिए नकली कॉल, ईमेल फ्रॉड, मनी लांड्रिंग आदि भी करने की खबरें आ रही हैं।
डिजिटल प्लेटफार्म पर कई बार केवाईसी डिटेल का इस्तेमाल फेक आईडी बनाने के लिए होता है। इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि अपनी निजी जानकारी या केवाईसी डिटेल किसी भी व्यक्ति के साथ शेयर न करें। सत्यता जांच किए बिना अपनी जानकारी शेयर न करें।