Learning Licence Rules 2025: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। अब लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट के दौरान आप पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की नजर होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नई योजना के तहत यह तकनीकी बदलाव लाया जा रहा है ताकि पारदर्शिता बनी रहे और नकल की कोई गुंजाइश न रहे।
ई-ट्रांसपोर्ट सेवाओं में होगा AI का इस्तेमाल
परिवहन सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने AI तकनीक को ई-ट्रांसपोर्ट प्रणाली में शामिल करने का निर्णय लिया है। हाल ही में 12 राज्यों के एनआईसी और परिवहन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच इस विषय पर एक मंथन बैठक हुई। इस बैठक में AI के जरिए लर्निंग लाइसेंस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने पर विस्तार से चर्चा की गई।
ऑनलाइन आवेदन में भी AI करेगा निगरानी
अब जब कोई ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करेगा, तो उसके फोटो खींचने से लेकर परीक्षण तक पूरा काम AI की निगरानी में होगा। फोटोग्राफी भी अब AI द्वारा की जाएगी, जिससे किसी प्रकार की छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाएगी। यह व्यवस्था पहली बार लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों पर लागू होगी।
टेस्ट के दौरान हर गतिविधि पर AI कैमरे की नजर
लर्निंग लाइसेंस के लिए जब ऑनलाइन टेस्ट आयोजित किया जाएगा, तो AI आधारित कैमरा हर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी की निगरानी करेगा। यदि कोई व्यक्ति आसपास बैठकर सहायता देने का प्रयास करेगा, तो वह भी कैमरे में रिकॉर्ड हो जाएगा। इससे नकल करने की संभावना न के बराबर हो जाएगी और ईमानदारी से परीक्षा पास करना ही एकमात्र विकल्प होगा।
फेल होने की संभावना भी बढ़ेगी
यदि आप टेस्ट में धोखाधड़ी या बाहरी मदद लेने का प्रयास करते हैं तो AI की निगरानी में यह तुरंत पकड़ा जाएगा और परिणामस्वरूप परीक्षा में असफल होने की पूरी संभावना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल योग्य और प्रशिक्षित लोग ही लाइसेंस हासिल कर सकें।
पक्के ड्राइविंग लाइसेंस के समय भी AI देगा सहयोग
केवल लर्निंग ही नहीं, जब पर्मानेंट ड्राइविंग लाइसेंस (DL) के लिए आप टेस्ट देंगे, तो AI स्वतः ही आपके रिकॉर्ड और पहचान का सत्यापन करेगा। इससे प्रक्रिया और भी तेज और त्रुटिहीन हो जाएगी।
दस्तावेज रहेंगे सुरक्षित, प्रक्रिया होगी तेज
AI तकनीक का एक और बड़ा फायदा यह होगा कि आपके द्वारा अपलोड किए गए सभी दस्तावेज़ डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेंगे। भविष्य में किसी भी संशोधन या नवीनीकरण की प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी। फिजिकल दस्तावेजों की गुमशुदगी या फर्जीवाड़े की संभावना भी इससे कम होगी।
NIC के वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी
दिल्ली NIC के उप महानिदेशक जयदीप सोम ने बताया कि इस पहल से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि दुरुपयोग और फर्जीवाड़े पर भी लगाम लगेगी। यह कदम देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
आगे क्या हो सकता है?
सरकार की योजना है कि भविष्य में हर राज्य के परिवहन विभाग में AI तकनीक को लागू किया जाए, जिससे हर राज्य में एक जैसी, पारदर्शी और प्रभावी प्रणाली हो सके। ड्राइविंग टेस्ट, दस्तावेज सत्यापन और शुल्क भुगतान जैसी सारी प्रक्रियाएं पूरी तरह डिजिटल हो सकेंगी।