Mahakumbh Mela Snan 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने का महत्व होता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि महाकुंभ में स्नान करने से पहले किन बातों का ध्यान करना चाहिए।
Mahakumbh Mela Snan 2025: सनातन धर्म में महाकुंभ मेला का बहुत ही महत्व है। इसके साथ ही कुंभ मेला में स्नान का भी ज्यादा महत्व होता है। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से मन पवित्र और शुद्ध हो जाता है। इसके साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति और मनोकामना भी पूरी हो जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जीवन की सारी परेशानियां भी दूरी हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्नान मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं। इन सभी स्नानों का प्रभाव व्यक्ति पर अलग-अलग पड़ता है। यदि आप साल 2025 में महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। तो आइए इस खबर में जानते हैं कि महाकुंभ स्नान करने के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जानें कितने प्रकार के होते हैं स्नान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्नान मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं।
पहला स्नान- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पहला स्नान मुनि स्नान कहा जाता है। मान्यता है कि इस स्नान में मुनी लोग स्नान करते हैं। मुनि स्नान ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह के 4 बजे से लेकर 5 बजे के बीच होता है।
दूसरा स्नान- ज्योतिषियों के अनुसार, दूसरा स्नान देव स्नान कहा जाता है। इस स्नान में देवता लोग स्नान करते हैं। देव स्नान का समय सुबह के 5 से 6 बजे के बीच होता है। यह समय बहुत ही शुभ होता है।
तीसरा स्नान- चार स्नानों में तीसरा स्नान मानव स्नान होता है। इस स्नान में मानव लोग स्नान करते हैं। इस स्नान का समय सुबह के 6 बजे से 8 बजे तक के बीच में होता है।
चौथा स्नान- यह स्नान सुबह के 8 बजे के बाद किया जाता है। मान्यता है कि जो जातक सुबह के 8 बजे के बाद स्नान करते हैं वे राक्षसी स्नान करते हैं।
क्या है चारों स्नान का महत्व
मुनि स्नान का महत्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मुनि स्नान को सर्वोत्तम स्नान माना गया है। मान्यता है कि इस स्नान से सुख, शांति, समृद्धि, विद्या, बल और आरोग्य प्रदान करता है। इसलिए इस स्नान को सबसे महत्वपूर्ण होता है। वहीं देव स्नान करने से व्यक्ति को यश, कीर्ति, धन, वैभव, सुख-शांति और संतोष मिलता है। इस स्नान से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति भी होता है। मानव स्नान करने से व्यक्ति को सांसारिक कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही परिवार में मंगल ही मंगल होता है। वहीं राक्षसी स्नान को निषेध माना गया है। मान्यता है कि इस स्नान को करने से घर में दरिद्रता, कलह, संकट, रोग और मानसिक अशांति प्राप्ति होती हैं।
क्या है कुंभ स्नान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती हैं। जन्म-मृत्यु के चक्र से भी मुक्ति मिल जाती है। साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। इसलिए आप भी स्नान करने जा सकते हैं।