Mandsaur News: मंदसौर जिले के सीतामऊ नगर में 19 करोड़ 80 लाख रुपए से सिविल अस्पताल का भवन बनकर तैयार है। इसके हैंडओवर नहीं होने से तहसील क्षेत्र के 100 से अधिक गांवों के 60 से 70 हजार लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। ठेकेदार की ओर से केवल लाइट और पानी की टेस्टिंग का काम बाकी है। अस्पताल तक पहुंचने लिए रोड नहीं होने से अब हैंडओवर नहीं हो पाया है। जिम्मेदारों के पास भी इसके लिए कोई ठोस समाधान नहीं है।
बताया जा रहा है कि स्वीकृत राशि केवल भवन निर्माण के लिए थी। अस्पताल मंदसौर रोड से 500 मीटर अंदर बना है। वहां तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड नहीं बनी है। परिसर की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवॉल और ड्रेनेज लाइन की भी स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भवन लेने को तैयार नहीं है।
बिना सड़क के मरीज, एम्बुलेंस, डॉक्टर और नसों को पहुंचने में परेशानी होगी। फिलहाल स्वास्थ्य सेवाएं पुराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रही हैं। यह भवन राजशाही काल का है। यहां संसाधन सीमित हैं। अधिकतर मरीजों को जिला अस्पताल रैफर करना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को भी अधिकतर मामलों में मंदसौर भेजा जाता है। नई बिल्डिंग से सुविधाएं बढ़ेंगी। गंभीर दुर्घटनाओं में घायल मरीजों का एक्स-रे, इलाज और ऑपरेशन यहीं हो सकेगा। सोनोग्राफी, ब्लड टेस्ट और अन्य जरूरी जांचें भी यहां होंगी।
एक्स-रे, सोनोग्राफी, दवा कक्ष, नमूना संग्रहण कक्ष भी तैयार
नया भवन दो मंजिला है। इसमें सीढ़ियों के साथ लिफ्ट और स्लैब से चढ़ने-उतरने की सुविधा है। कुल 35 से अधिक कमरे हैं। छह ओपीडी कक्ष, एक्स-रे, सोनोग्राफी, दवा कक्ष, नमूना संग्रहण कक्ष, प्रतीक्षालय, ऑपरेशन थियेटर, प्लास्टर रूम, महिला, पुरुष और शिशु वार्ड की सुविधा है। सुरक्षा के लिए पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। फायर सेफ्टी की पूरी व्यवस्था है। जगह-जगह अलार्म लगे हैं। ऑक्सीजन प्लांट और गार्ड रूम भी बनाए गए हैं।
एप्रोच रोड, बाउंड्री और ड्रेनेज लाइन का कार्य शेष
इंजीनियर योगेश मालवीय ने बताया कि भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। केवल लाइट टेस्टिंग बाकी है। दो से पांच दिन में यह काम भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद भवन हैंडओवर करने को तैयार हैं। बीएमओ डॉ. वीके सुराह ने बताया कि एप्रोच रोड, बाउंड्री और ड्रेनेज लाइन का कार्य शेष है। विभागीय अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। जब यह कार्य पूरे होंगे, तभी अस्पताल भवन लेंगे।