MCD की ओर से दिल्ली में टोल हटाने की तैयारी कर ली गई है। दिल्ली सरकार से इसको लेकर मांग जा रहा है। दिल्ली सरकार अगर यह काम कर देती है तो एमसीडी टोल हटा देगा और दिल्ली में आना जाना फ्री हो जाएगा। आए जानते हैं दिल्ली के लिए क्या खास प्लान बन रहा है।
दिल्ली में अब लोगों को टोल टैक्स से छुटकारा मिल सकता है। दिल्ली में एमसीडी (MCD Delhi) की ओर से टोल हटाने को लेकर तैयारी कर दी गई है। इससे जाम की स्थिति से छुटकारा मिलेगा और लोगों को आर्थिक लाभ होगा। शहरी विकास विभाग को पत्र लिखा गया है। निगम की ओर से दिल्ली सरकार के सामने एक शर्त रखी गई है। अगर सरकारी शर्त पूरी कर देती है तो टोल हटाए जाएंगे।
कहां पर लगे हुए हैं टोल
देश की राजधानी दिल्ली में प्रवेश के दौरान एमसीडी (MCD Toll Rates) के टोल लगे हुए हैं। इससे पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क जाम का कारण बनता है। ऐसे में केंद्र सरकार के आग्रह के बाद दिल्ली नगर निगम टोल को हटाने के लिए तैयार हो गया है। इसके लिए निगम की ओर से एक शर्त लगाई गई है। इन टोल को खत्म करने से दिल्ली सरकार की ओर से कार्य किया जा रहा है।
टोल पर लगता है जाम
दिल्ली में प्रवेश करते समय टोल (toll on MCD) पर जाम लगता है। इस जाम में बहुत सारे वाहन फंस जाते हैं। जाम लगने की भी अलग-अलग वजह सामने आई है। अगर टोल हटा दिए जाए तो जान की समस्या से छूट मिल जाएगी।
एमसीडी ने मांगी आर्थिक मदद
दिल्ली एमसीडी (Delhi MCD New Toll Plaza) की ओर से दिल्ली सरकार से आर्थिक मदद की मांग की गई है। अगर दिल्ली सरकार आर्थिक रूप से मदद करती है तो टोल हटा दिए जाएंगे। टोल हटाने को लेकर एमडी अतिरिक्त आयुक्त ने दिल्ली सरकार को शहरी विकास विभाग को पत्र लिखा है। निगम ने शर्तों के साथ लिखित सहमति टोल हटाने को लेकर दिल्ली सरकार को दी है।
केंद्रीय मंत्री ने इस दिशा में काम करने के निर्देश
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार (Center Govt) के एक बड़े मंत्री ने इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली सरकार में जून माह में हुई बैठक के बाद इस पर चर्चा की गई थी। इस पर सरकार ने निगम का पक्ष मांगा था, इस पर पत्र के माध्यम से जवाब दिया गया है। टोल निगम के राजस्व का प्रमुख माध्यम है। इसलिए आर्थिक मदद का आश्वासन टोल वसूलने पर खत्म करने की बात कही गई है।
900 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मांगी
एमसीडी (MCD Toll) की ओर से टोल हटाने के बदले में 900 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मांगी गई है। हर साल यह आर्थिक मदद देनी होगी और इतना ही नहीं तीन से चार प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हर साल करनी होगी। इससे टोल की वसूली बंद कर दी जाएगी। साथ में एक विकल्प ट्रांसफर ड्यूटी बढ़ाने का भी दिया गया है। अगर दिल्ली सरकार अचल संपत्तियों पर मिलने वाली ट्रांसफर ड्यूटी को एक प्रतिशत बढ़ा देती है तो टोल हटाया जा सकता है।
एमसीडी एक्ट 1957 के अनुच्छेद 113 (2) के तहत वसूला जा रहा टोल
दिल्ली में एमसीडी एक्ट (MCD act) 1957 के अनुच्छेद 113 (2) के तहत दिल्ली में प्रवेश के दौरान वाणिज्यिक वाहनों से टोल लिया जाता है। साल 2019 में व्यवस्था को लागू किया गया था। 2003 में पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी इसमें जोड़ दिया गया था। इसकी वजह से गाजीपुर से लेकर रजोकरी, बदरपुर, कालिंदी कुंज जैसे टोल नको पर जाम की स्थिति देखने को मिलती है। टोल वसूली को फास्टैग पर एमसीडी के आरएफआईडी टैक्सी वसूलने को अनिवार्य किया गया है। दिल्ली में कुल 156 टोल नाके हैं। 13 नाकों पर 85% यातायात दिल्ली में आता है। 2019 में निगम में टैग से टोल भुगतान होने को अनिवार्य किया जाएगा।
इस कारण भी लगता है जाम
दिल्ली में जाम लगने का कारण पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क भी है। पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क अलग-अलग वहान से अलग-अलग तरीके से लिया जाता है। इसमें खाली वहान से अलग शुल्क होता है तो सामान भरे हुए वहान से अलग। अगर दूध सब्जी जैसी कोई जरूरत की सामग्री है तो इसमें छूट भी दी जाती है। ऐसे में वाहनों की एंट्री के दौरान जब जांच की जाती है तो टोल प्लाजा पर जाम लग जाता है। हालांकि विशेषज्ञों का सुझाव है कि पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क को अलग-अलग न लेकर एक समान कर दी जाए तो इससे काफी राहत मिलेगी। बहुत लोग इसको खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
ये टोल नाके हैं जिनमें एमसीडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगाया है आरएफआइडी सिस्टम
टोल नाका कितनी टोल लेन है फ्री लेन अतिरिक्त लेन
- आर्या नगर 2 2 0
- डीएनडी 4 6 0
- शाहदरा मेन 1 1 0
- शाहदरा फ्लाइओवर 2 1 –
- गाजीपुर मेन 1 0 1
- गाजीपुर ओल्ड 2 0 0
- कालिंदी कुंज 2 – 2
- कापसहेड़ा 4 2 0
- टिकरी 2 2 0
- कुंडली 10 0 0
- बदरपुर मेन 10 0 10
- बदरपुर फ्लाइओवर 7 0 6
- रजौकरी 9 0 0

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		