Mock Drill: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य आपात स्थिति जैसे प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला, या किसी अन्य संकट के समय नागरिकों की सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।
यह मॉक ड्रिल नागरिक सुरक्षा (Civil Defence) के अंतर्गत आती है और इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ, पुलिस, दमकल विभाग, स्वास्थ्य सेवाएँ, और अन्य संबंधित विभाग भाग लेते हैं।
इस तरह की मॉक ड्रिल से प्रशासनिक तैयारियों का मूल्यांकन होता है और आम नागरिकों को भी यह समझने में मदद मिलती है कि आपातकालीन स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए।
गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि 7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक अभ्यास है जो वर्तमान भूराजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।
इस मॉक ड्रिल के प्रमुख फायदे हैं:
1. हवाई हमले के सायरन – जिससे नागरिक समय रहते सतर्क हो सकें।
2. सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग – आम जनता को आपदा या हमले की स्थिति में सही प्रतिक्रिया देना सिखाना।
3. ब्लैकआउट उपाय – रात के समय संभावित हवाई हमलों से बचाव के लिए लाइट्स बंद करने की प्रक्रिया।
4. कैमोफ्लाज (छिपाने की व्यवस्था) – संवेदनशील ठिकानों को शत्रु की निगाह से छिपाना।
5. एवैक्यूएशन (निकासी) अभ्यास – आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाना।
गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि देश को नई और जटिल चुनौतियाँ जैसे साइबर हमले, ड्रोन हमले या आधुनिक युद्ध तकनीकों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हर समय सजग और तैयार रहें।
बिलकुल सही। गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, 7 मई को देश के 244 चिन्हित जिलों में आयोजित यह मॉक ड्रिल व्यापक स्तर पर होगी, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों तक इसे पहुँचाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य सिविल डिफेंस की तैयारियों का मूल्यांकन और उसे मजबूत बनाना है।
इस अभ्यास में शामिल होंगे:
जिला अधिकारी (District Magistrate) – पूरे अभ्यास की निगरानी और समन्वय करेंगे।
सिविल डिफेंस वार्डन – स्थानीय स्तर पर नागरिकों को प्रशिक्षित और मार्गदर्शित करेंगे।
होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस – सहयोगी बलों के रूप में कार्य करेंगे।
कॉलेज और स्कूलों के छात्र – जागरूकता और अभ्यास का हिस्सा बनेंगे।
सरकार का स्पष्ट कहना है कि यह मॉक ड्रिल सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि विभिन्न एजेंसियों की सामूहिक प्रतिक्रिया क्षमता और समन्वय का परीक्षण है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी आपात स्थिति में आम जनता की सुरक्षा प्रभावी ढंग से की जा सके।