Mohammed Shami: हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद शमी से 10 लाख रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता की मांग की है। कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला लिया है।
टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी एक बार फिर मैदान से बाहर अपने निजी जीवन को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह बना है उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई नई याचिका।
शमी (Mohammed Shami) और हसीन जहां के बीच चल रहा यह विवाद अब सातवें साल में पहुंच चुका है और अब मामला गुजारा भत्ते की रकम को लेकर है। हसीन जहां ने अदालत से मांग की है कि उन्हें और उनकी बेटी को हर महीने 10 लाख रुपये का गुजारा भत्ता दिया जाए।
हसीन जहां ने मांगा 10 लाख रुपये का गुजारा भत्ता
अब हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। उनका कहना है कि एक ए-लिस्टेड इंटरनेशनल क्रिकेटर होने के नाते मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की आय करोड़ों में है और उनकी नेट वर्थ करीब 500 करोड़ रुपये है। ऐसे में 4 लाख रुपये प्रति माह का भत्ता उनके और उनकी बेटी के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने अपनी याचिका में मांग की है कि यह रकम बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जाए जिसमें 7 लाख रुपये उनके लिए और 3 लाख रुपये बेटी के लिए हों।

2018 में हुए थे अलग, मिल रहा है भत्ता
2018 में हसीन जहां ने शमी (Mohammed Shami) पर घरेलू हिंसा और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों अलग हो गए। ट्रायल कोर्ट ने शुरुआत में शमी को आदेश दिया था कि वह हर महीने 1.3 लाख रुपये का अंतरिम भत्ता दें। बाद में जुलाई 2025 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने यह रकम बढ़ाकर 4 लाख रुपये प्रति माह कर दी, जिसमें 1.5 लाख रुपये हसीन जहां के लिए और 2.5 लाख रुपये उनकी बेटी के लिए तय किए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने Mohammed Shami और बंगाल सरकार को भेजा नोटिस
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतिम आदेश नहीं दिया है। लेकिन अदालत ने हसीन जहां की अपील पर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्जल भुयां की बेंच ने हसीन जहां के वकील से सवाल किया कि क्या “4 लाख रुपये प्रति माह की राशि भी जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है?”
