नई दिल्ली। भारत में सबसे साफ सुधरा स्वच्छ शहर इंदौर को माना गया है। जहां प्रशासन इस शहर को सुंदर बनाने का भरकस प्रयास करती रहती है। अब इस शहर को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
प्रशासन पुलिस ने इस शहर में भिखारी के लिए सख्त नियम बनाए है जो लोग भीख मांगते या भीख देते दिखाई देते है तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
मध्य प्रदेश में ऐसा मामला पहली बार देखने को मिला था जब खंडवा रोड पर एक मंदिर के सामने बैठी एक महिला भिखारी को भीख देने के लिए जैसे ही अज्ञात व्यक्ति आगे आया उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। भंवरकुआं थाने ने भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल के एक अधिकारी की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बीएनएस धारा 223 के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को एक साल की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना दिए जाने की सजा तय की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक, इंदौर को देश का पहला भिखारी मुक्त शहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए प्रशासन ने भिखारियों से भीख लेने, उन्हें भीख देने और उनसे कोई भी सामान खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जारी किए आदेश का जो उल्लंघन करता पाया जाता है तो उस पर एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान किया गया है।
बता दें कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने देशभर के 10 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें इंदौर भी शामिल है।