MP News: मध्यप्रदेश राज्य में इन दिनों तेजी से सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में नेशनल हाईवे का निर्माण भी चल रहा है। इसके अलावा विभिन्न जिलों में कनेक्टिविटी को बेहतर करने हेतु सड़कों का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश के खरगोन जिले में सरकार द्वारा 10 मीटर चौड़ी और 55 किलोमीटर लंबी नई सड़क का निर्माण करने हेतु प्रक्रिया शुरू हो गई है। हाईवे 347 सी के दूसरे चरण के तहत जिले के सरवर देवला से मप्र-महाराष्ट्र की सीमा पाल तक 55 किमी सड़क का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। करीब 261 करोड़ कराड़ रुपए से इस सड़क का निर्माण होगा। यह सड़क 10 मीटर चौड़ी होगी। वर्तमान में चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग का हिस्सा यह सड़क केवल 5.5 मीटर की है।
सड़क का चौड़ीकरण होने पर आवागमन होगा सुगम
भारी वाहनों का दबाव और लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं होने से इस मार्ग पर हादसे होते रहते है। इसके साथ ही हेलापड़ावा, मुंडिया घाट, झुमकी घाट व गाडग्याम घाट में तकनीकी खामियों के चलते भी वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते है। अब घाटों की कटिंग व सुधार के साथ सड़क की चौड़ाई बढ़ने से आवागमन सुगम होगा और हादसों पर रोक लगेगी। इसके अलावा चिरिया में बायपास भी प्रस्तावित है। इस मार्ग के निर्माण से व्यापार-व्यवसाय को बढ़ावा मिलने न के साथ क्षेत्र के लोग सीधे दक्षिण । भारत से जुड़ेंगे।
बुरहानपुर बायपास से जुड़ेगी सड़क
पहले चरण में सड़क निर्माण के बाद कसरावद, सैलानी, खरगोन व बिस्टान में बायपास निर्माण जारी है। वहीं दूसरे चरण में चिरिया में बायपास प्रस्तावित है। आगे यह सड़क बुरहानपुर में इंदौर-इच्छापुर हाईवे के तहत बन रहे बायपास से जुड़ेगी। पाल से रावेर तक की सड़क का निर्माण महाराष्ट्र सरकार करेगी। इससे जिले के लोग कम समय में सीधे महाराष्ट्र पहुंच सकेंगे। इस मार्ग पर झुमकी व गाडग्याघाट दुर्घटना संभावित क्षेत्र है। घाटों में सीधा ढलान व चढ़ाई होने से आए दिन वाहन पलटने की घटनाएं होती रहती है। अब तक कई लोग यहां हुए हादसों में जान गंवा चुके है। वाहनों के साथ माल को नुकसान पहुंचता है। लंबे समय से इन घाटों के सुधार की मांग भी हो रही थी। अब नई सड़क के निर्माण के दौरान दोनों घाट की कटिंग के साथ कुछ हिस्से को सुधारा भी जाएगा। इससे घाट क्षेत्र में भी यातायात सुगम हो सकेगा।
50 किमी का हिस्सा वन विभाग के अधीन स्वीकृति नहीं मिलने से अटकी थी फाइल
इस सड़क निर्माण की प्रक्रिया पिछले करीब आठ साल से चल रही है। हाईवे 347 सी के तहत पहले चरण में खलबुजुर्ग से सरवर देवला तक सड़क का निर्माण किया गया। लेकिन आगे के मार्ग का अधिकांश हिस्सा वन विभाग के अधीन होने से निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। सरवर देवला से पाल तक की 55 किमी सड़क में से करीब 50 किमी का क्षेत्र वन विभाग के अधीन है। भू-अर्जन की स्वीकृति नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो पा रहा था। लंबे समय तक चली इस प्रक्रिया के बाद अब इसकी स्वीकृति मिल गई है। नेशनल हाईवे के माध्यम से वन विभाग को निर्धारित राशि जमा होने के बाद वन विभाग पेड़ों की कटाई करवाएगा। इसके बाद फाइनल स्वीकृ स्वीकृति मिलेगी। सड़क निर्माण के टेंडर प्रक्रिया भी हो चुकी है। बारिश के बाद सड़क निर्माण की शुरुआत होने की उम्मीद बंधी है।
अविनाश सोनी, एसडीओ पीडब्ल्यूडी ने बताया कि हाईवे 347 सी के दूसरे चरण में सरवर देवला से पाल तक 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण प्रस्तावित है। वन विभाग से स्वीकृति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सड़क निर्माण के टेंडर हो चुके है। बारिश के बाद काम शुरू होने की उम्मीद है।