MP Kisan News : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिले में किसान रजिस्ट्री बनाने की कार्यवाही की जानी है। इसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रत्येक किसान भू-स्वामी को एक यूनिक आईडी जनरेट कर प्रदान की जा रही है, जिससे किसानों को कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया से केसीसी ऋण (KCC Loan) आसानी से मिल सके तथा हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से लक्ष्य निर्धारण एवं सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके।
मार्च 2025 के बाद पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) का लाभ लेने के लिए किसान आईडी अनिवार्य होगी। अपर कलेक्टर आरपी वर्मा ने अनुविभागीय अधिकारी (आगर/सुसनेर) को अनुभाग स्तर पर नोडल अधिकारी, अपने-अपने क्षेत्र के तहसीलदार को तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी, नायब तहसीलदार को उप-तहसील स्तर पर सहायक नोडल अधिकारी तथा जिला ई-गवर्नेंस प्रबंधक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, ताकि सीएससी सेंटर से समन्वय कर सभी पीएम किसान (PM Kisan) हितग्राहियों की किसान आईडी बनाने की प्रक्रिया युद्ध स्तर पर सुनिश्चित की जा सके।
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अपर कलेक्टर ने सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक पटवारी को प्रतिदिन 10 किसान आईडी बनाने का लक्ष्य दिया जाए। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए पंजीकृत स्थानीय युवाओं के लिए 10 किसान आईडी बनाने का लक्ष्य रखा जाए। तहसील स्तर पर सीएससी सेंटर की बैठक आयोजित कर ग्राम/पंचायत/सीएससी सेंटरवार लक्ष्य निर्धारित किया जाए। शिविर की तिथि की जानकारी भूस्वामियों को ग्रामवार उपलब्ध कराई जाए, इसके लिए घर-घर जाकर अभियान चलाया जाए। एसएमएस के माध्यम से भी एग्रीस्टैंक के लाभ और कार्यक्षमता का प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रचार-प्रसार कार्य में सहकारी संस्थाओं का आवश्यक सहयोग लिया जाए।
शिविर में कार्रवाई शिविर के लिए निर्धारित गांव में ग्रामीणों को सुबह 07 से 08 बजे तक शिविर आयोजन की जानकारी दी जाए। शिविर का आयोजन प्रतिदिन सुबह 08 से दोपहर 02 बजे तक और शाम 04 से 06 बजे तक किया जाए। किसान आईडी एवं खसरा आधार लिंकिंग की प्रक्रिया सीएससी सेंटर, पटवारी, स्थानीय युवाओं के माध्यम से की जाए। स्थानीय युवाओं को प्रति किसान आईडी एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाएगा, इसलिए इस प्रक्रिया के लिए अधिक से अधिक स्थानीय युवाओं का उपयोग किया जाए।
घर-घर जाकर कार्रवाई
पंचायत सचिव, पटवारी एवं कृषि विभाग के शासकीय सेवकों के सहयोग से घर-घर जाकर किसान आईडी बनाने एवं आधार खसरा लिंक करने की कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों को किसान आईडी एवं आधार खसरा लिंकिंग की प्रक्रिया एवं लाभ के बारे में जागरूक कर आवश्यक सहयोग लिया जाए। संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं उपसंचालक कृषि शिविर का दौरा करेंगे।