MP News: मध्य प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इंदौर-भोपाल-जबलपुर हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की है। यह सड़क परियोजना बिल्कुल नए रूट पर बनेगी, जिससे यातायात की समस्या कम होगी और यात्रा का समय भी कम लगेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 14,105 करोड़ रुपए रखी गई है और इसे 2047 तक पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है।
देखें क्या है ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर?
ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का मतलब है कि यह हाईवे किसी मौजूदा सड़क पर नहीं बनेगा, बल्कि बिल्कुल नए इलाके में बनेगा। इससे सीधी और तेज यात्रा संभव होगी और नए औद्योगिक और व्यापारिक केंद्रों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
भोपाल-जबलपुर कॉरिडोर: 255 किमी लंबा, लागत ₹14,105 करोड़
भोपाल-इंदौर कॉरिडोर: लंबाई और लागत की जानकारी अभी तय नहीं हुई है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बड़ा ऐलान, 1 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के दौरान एनएचएआई और मध्य प्रदेश सरकार के बीच एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत अगले 5 सालों में 4,010 किलोमीटर सड़कों पर 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस परियोजना में कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे और राजमार्ग भी शामिल होंगे जैसे:-
प्रयागराज-जबलपुर-नागपुर एक्सप्रेसवे
लखनऊ-रायपुर एक्सप्रेसवे
आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग
उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग
इंदौर रिंग रोड (पूर्वी और पश्चिमी बाईपास)
जबलपुर-दमोह राष्ट्रीय राजमार्ग
हाई-स्पीड कॉरिडोर के लाभ
हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर के निर्माण से कई लाभ होंगे जैसे यात्रा में समय की बचत होगी और इंदौर-भोपाल-जबलपुर के बीच यात्रा का समय लगभग आधा हो जाएगा। साथ ही आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। हाईवे के किनारे नए औद्योगिक हब और बिजनेस जोन बनने की संभावना होगी। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। निर्माण कार्य और भविष्य के बिजनेस सेंटर बनने से लाखों नए रोजगार पैदा होंगे। बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम बनेगा जिससे ट्रैफिक कम होगा और तेज और सीधे रूट होने से यात्रा आसान होगी।