MP viklang Vivah Yojana: मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना एक सरकारी योजना है, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों के विवाह को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को विवाह में प्रोत्साहन देना और उनके जीवन को खुशहाल और सम्मानजनक बनाना है।
मुख्य उद्देश्य:
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विवाह को प्रोत्साहित करना और उनके सामाजिक जीवन को बेहतर बनाना।
दिव्यांग व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, ताकि वे अपने विवाह के खर्चों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें।
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक समाज में समान अवसर सुनिश्चित करना, ताकि वे भी सामान्य जीवन जी सकें।
योजना के लाभ:
1. विवाह के लिए वित्तीय सहायता:
इस योजना के तहत दिव्यांग दूल्हे या दुल्हन को विवाह के खर्च में सहायता के रूप में एक निश्चित राशि दी जाती है।
2. प्रोत्साहन राशि:
योजना के तहत दिव्यांग व्यक्ति को ₹50,000 तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है, ताकि विवाह के सभी खर्चों को कवर किया जा सके।
3. समाज में समानता:
इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को समाज में सम्मानजनक स्थान प्रदान करना और उन्हें भी सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जीने का अवसर देना है.
4. शादी के बाद भी सहायता:
योजना के तहत शादी के बाद दिव्यांग व्यक्ति और उसके साथी को समाज कल्याण के तहत कुछ अतिरिक्त मदद मिल सकती है, जैसे कि दिव्यांग के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ।
पात्रता:
योजना का लाभ उन दिव्यांग व्यक्तियों को मिलेगा जिनके पास विकलांगता प्रमाण पत्र है।
यह योजना दूल्हा या दुल्हन दोनों के लिए लागू होती है।
योजना का लाभ मध्य प्रदेश राज्य के नागरिकों को मिलेगा जो दिव्यांग हैं और उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है (लड़की के लिए 18 और लड़के के लिए 21 वर्ष की उम्र निर्धारित की गई है)।
आवेदन प्रक्रिया:
1. आवेदन पत्र: इच्छुक व्यक्ति को अपने विकलांगता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, और विवाह प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा।
2. आवेदन करने के बाद, संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
3. यदि व्यक्ति पात्र है, तो उसे योजना के तहत सहायता राशि दी जाएगी।
उद्देश्य:
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए इस योजना का उद्देश्य उनके जीवन को बेहतर बनाना और उनके सामाजिक जीवन को समृद्ध करना है। इसके तहत विवाह को प्रोत्साहन देना, ताकि दिव्यांग व्यक्ति को एक खुशहाल और सम्मानजनक जीवन मिल सके।
यह योजना दिव्यांगों को समाज में समान अधिकार देने के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।