1 अक्टूबर से बाजरे की सरकारी खरीद शुरू की जाएगी. इस उद्देश्य के लिए जिले में छह मंडियों को चुना गया है जिसमें नारनौल, नांगल चौधरी, अटेली, कनीना, महेंद्रगढ़ और सतनाली शामिल हैं. हैफेड और हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन इन मंडियों में खरीद की जिम्मेदारी निभाएंगे. यह कदम बाजरे के किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए उठाया गया है.
खरीद के लिए दिशा-निर्देश
सरकार द्वारा बाजरे की खरीद के लिए विशिष्ट मापदंड और दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. खरीदी जाने वाली बाजरे की गुणवत्ता में नमी का स्तर 13% से अधिक नहीं होना चाहिए और बाजरा साफ-सुथरा व रंग में बदरंग नहीं होना चाहिए. यह मानक उत्पादन की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए हैं.
किसानों के लिए खरीद की शर्तें
केवल उन किसानों की फसल की खरीद की जाएगी जिन्होंने ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया है. इस प्रक्रिया से किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलने में सहायता मिलेगी और यह खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में मदद करेगी.
खराब फसल की चुनौतियां
खराब मौसम के कारण कई क्षेत्रों में बाजरे की फसल की गुणवत्ता प्रभावित हुई है. बाजरा काला होकर बदरंग हो गया है, जिससे इसकी खरीद में दिक्कतें आ सकती हैं. सरकारी निर्देशों के अनुसार, केवल निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले बाजरे की ही खरीद की जाएगी, जिससे किसानों को अपनी फसल की गुणवत्ता सुधारने की चुनौती हो सकती है.