Mugal Harm: मुगल काल में यमुना नदी का पानी साफ था जिसका उपयोग न केवल आम जनता बल्कि शाही परिवार द्वारा भी किया जाता था. उस समय के ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि यमुना का जल कितना निर्मल और साफ था.
मुगल बादशाहों का यमुना से लगाव
बादशाह अकबर और उनके पुत्र जहांगीर को यमुना नदी (Yamuna River) से विशेष लगाव था. गर्मी के मौसम में वे अक्सर यमुना के तट पर समय व्यतीत करते थे, जहाँ वे शांति और सुकून की अनुभूति करते थे.
मुगल हरम की शहजादियों का यमुना में स्नान
यह कम ही ज्ञात है कि मुगल हरम की शहजादियां भी यमुना नदी में रात्रि में स्नान (Night Swimming) के लिए जाया करती थीं. इस दौरान, वे अपनी दासियों के साथ होती थीं और सुरक्षा के लिए हिजड़े भी उनके साथ रहते थे.
रात्रि में स्नान का कारण
शहजादियां रात के समय में ही यमुना नदी में जाती थीं ताकि वे अंग्रेजों और मराठों की नजरों से बच सकें. यह भी एक प्रमुख कारण था कि वे लोगों की नजरों से बचने के लिए रात के समय को चुनती थीं.
सुरक्षा और गोपनीयता
शहजादियों की सुरक्षा के लिए न केवल हिजड़े बल्कि शाही गार्ड भी तैनात किए जाते थे. यह सुनिश्चित किया जाता था कि उनके स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा या खतरा न हो.
सांस्कृतिक महत्व
यमुना नदी का मुगल काल में न केवल पर्यावरणीय बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी था. यह नदी मुगल कालीन समाज के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में समाहित थी.
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