नई दिल्ली। Mustard oil price: राजधानी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले एक ब़ड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है कि इस समय खाने वाले सभी तेल की कीमतों में कमी की गई है। जिसमें मूंगफली, सोयाबीन और सरसों का तेल पहले से कही अधिक सस्ता हो गया है। सोयाबीन की कीमतें अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से लगभग 15 प्रतिशत कम हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में जहां तेल-तिलहन की कीमतों में कमी देखने को मिल रहाी है तो वहीं सरसों, सोयाबीन और मूंगफली के तेलो के दाम भी औधें मुंह गिरे है। जिससे उपभोक्ताओं को एक बड़ी राहत मिली है।
सोमवार को तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, और तिलहन के दाम में गिरावट आने का मुख्य कारण बिनौला खल की कीमते तेजी के साख गिरी है। जिसके चलते बिनौला, सोयाबीन और मूंगफली तेल के दाम में भी भारी गिरावट हुई है, जबकि सरसों तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हो गए।
मलेशिया एक्सचेंज में भी सुधार देखने को मिल रहा, जबकि शिकागो एक्सचेंज आज बंद रहा। बाजार सूत्रों ने बताया कि सट्टेबाजों ने आज वायदा कारोबार में बिनौला खल की कीमतें तेजी से घटकर तीन-चार वर्ष पहले कम हुई कीमतों का आकड़ां पार कर रही है।
बाजार विश्लेषकों ने शिकागो और मलेशियाई दोनों एक्सचेंजों में पिछली रात गिरावट दर्ज की थी। हालाँकि कई तेलों की थोक कीमतें कम हो गई हैं, लेकिन खुदरा मार्केट में अभी भी कीमतों का स्तर ऊंचाई पर बना हुआ हैं। बढ़ती लागत से उपभोक्ता बोझ को कम करने के लिए, अंतर्निहित कारणों की जांच करना और निर्णायक उपायों को लागू करना आवश्यक है।
सरसों तिलहन की थोक कीमतों में गिरावट
रिपोर्टों के अनुसार विदेशी बाजारों में मंदी और आगामी फसल की अच्छी उम्मीद होने के कारण सरसों तिलहन की थोक कीमतों में गिरावट आई है। इसके अतिरिक्त, भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने एक बार फिर बिनौला की कीमत 50-100 रुपये प्रति क्विंटल कम कर दी है, जिसका असर खास तौर पर मूंगफली सहित अन्य तिलहनों पर देखने को मिल रहा है।