Mustard Purchase Limit Hike: मार्च के महीने में जब सरसों की फसल कटाई के लिए तैयार होती है, तब राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद सीमा को प्रति किसान 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया है. यह निर्णय सरसों उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए किया गया है.
खरीद की बढ़ी हुई सीमा से किसानों को लाभ
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य सरसों के किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य प्रदान करना है. पहले की सीमा 25 क्विंटल अब बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दी गई है, जिससे किसान अपनी अधिक मात्रा में उपज को सरकारी समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे. इससे उन्हें बाजार में होने वाली मूल्य अस्थिरता से राहत मिलेगी और आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी.
सरसों की MSP और खरीद प्रक्रिया
सरकार ने सरसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. खरीद की प्रक्रिया 10 अप्रैल से शुरू होगी, और किसान 1 अप्रैल से ई-मित्र केंद्रों पर जाकर पंजीयन कर सकते हैं. यह व्यवस्था उन्हें MSP पर अपनी उपज बेचने की सुविधा प्रदान करती है.
किसानों के पंजीयन और बिक्री की व्यवस्था
पंजीयन प्रक्रिया में किसानों को उनकी गिरदावरी रिपोर्ट और पासबुक की जानकारी प्रदान करनी होती है. इससे सुनिश्चित होता है कि MSP पर सरसों बेचने वाले किसान पात्र हों. खरीद प्रक्रिया में बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन द्वारा और अधिक पारदर्शिता लाई गई है.
किसान सहायता और जागरूकता
राज्य सरकार ने किसानों की सहायता के लिए कॉल सेंटर भी स्थापित किए हैं. यह किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने में आने वाली किसी भी समस्या का समाधान प्रदान करता है. इस पहल से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलने की संभावना बढ़ जाती है, और उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होती है.
इस नई पहल से न केवल किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा, बल्कि यह राजस्थान के कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी. इस प्रकार, सरकार द्वारा की गई इस घोषणा का किसान समुदाय के साथ-साथ पूरे राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.