सुपरटेक के रुके प्रोजेक्ट्स को मिलेगा नया जीवन. एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) ने सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी ली है। यह कार्य एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) के आदेश पर हो रहा है। एनबीसीसी 9860 फ्लैट बेचकर और ₹100 करोड़ फंड का उपयोग करके निर्माण कार्य को पूरा करेगी।
निगरानी के लिए विशेष कमेटी
हर प्रोजेक्ट की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए दो कमेटियां बनाई गई हैं:
- एपेक्स कमेटी
- इसमें आईआरपी (इंसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल), प्राधिकरण के दो प्रतिनिधि, एनबीसीसी का एक सदस्य, और खरीदारों का एक प्रतिनिधि शामिल होगा।
- प्रोजेक्ट-विशिष्ट निगरानी कमेटी
- हर प्रोजेक्ट के लिए अलग से निगरानी कमेटी होगी, जिसमें संबंधित प्रोजेक्ट के घर खरीदार, प्राधिकरण का एक प्रतिनिधि, निर्माण विशेषज्ञ, और एनबीसीसी का प्रतिनिधि होगा।
अधूरे प्रोजेक्ट्स और पूरा होने का समय
एनबीसीसी ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए समयसीमा निर्धारित की है:
प्रोजेक्ट का नाम | पूरा होने का समय (माह) |
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इको विलेज-1 | 18-36 |
इको विलेज-2 | 12-36 |
मेरठ स्पोर्ट्स सिटी | 18-36 |
ग्रीन विलेज मेरठ | 18-36 |
हिलटाउन | 30-36 |
अरावली | 12-24 |
रिवर क्रास्ट | 24-36 |
मिकासा | 12-30 |
केपटाउन | 18-36 |
जार सुइट्स | 12-36 |
स्पोर्ट्स विलेज | 12-18 |
नॉर्थ आई | 18-36 |
अपकंट्री | 12-36 |
घर खरीदारों के लिए राहत
पिछले 10-12 सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे लोगों के लिए यह फैसला राहत भरा है। सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आर. के. अरोड़ा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करना है। हालांकि, बैंकों और प्राधिकरण के बकाये को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।