Surat-chennai expressway: भारत में विकास की नई गति को परिभाषित करते हुए छह राज्यों को जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण जोरों पर है. इस सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की देखरेख में किया जा रहा है, जो 1271 किलोमीटर लंबा है और इसकी अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है.
एक नई दिशा में प्रगति
इस एक्सप्रेसवे की विशेषता यह है कि यह गुजरात से शुरू होकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश होते हुए तमिलनाडु तक जाएगा. इसके पूरा होने पर यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि व्यापारिक संभावनाओं को भी बढ़ावा देगा.
टेक्नोलॉजिकल उन्नति और इसके फायदे
इस एक्सप्रेसवे की गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा रखी गई है, जो यात्रा को न केवल तेज बल्कि सुरक्षित भी बनाती है. वर्तमान में 4 लेन का यह एक्सप्रेसवे भविष्य में 6 या 8 लेन में विस्तारित किया जा सकता है जो इसे और भी उपयोगी बनाएगा.
यात्रा के समय में क्रांतिकारी कमी
चेन्नई और सूरत के बीच यात्रा की दूरी 1600 किलोमीटर से घटकर 1270 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे यात्रा का समय आधा हो जाएगा. यह आम यात्री के समय और ऊर्जा की बचत करेगा और व्यापारिक यात्राओं को भी अधिक सुविधाजनक बनाएगा.
राष्ट्रीय महत्व का एक्सप्रेसवे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना की आधारशिला रखी, जिसे भारतमाला परियोजना के तहत संचालित किया जा रहा है. इसके पूरा होने से देश के दक्षिणी और पश्चिमी भाग के बीच सीधी सड़क संपर्क स्थापित होगा, जो आर्थिक विकास में नई क्रांति लाएगा.