विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में प्रतिदिन लाखो की संख्या में श्रद्धालु का आगमन होता है।ऐसे में महाकाल मंदिर में सभी त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाने की परंपरा बरसो से चली आ रही है।ज्योतिलिरग महाकाल मंदिर में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 9 अप्रेल 2024 को गुड़ी पड़वा पर ध्वज चेगा।पुजारी कोटितीर्थ कुंड पर सूर्य को अर्ध्य देकर नवस्वत्तस्र का स्वागत करेंगे।इसके बाद महाकाल को निम् के जल से स्नान करा पर परचामृत पूजन अभिषेक किया जाएगा।
महाकाल मंदिर
पुजारी जी के अनुसार ज्योतिलिंग महाकाल मंदिर की एक परम्परा है।जिसका समय समय पर पालन किया जाता है।चैत्र शुल्क प्रतिपा पर 09 अप्रेल से हिन्दू नववर्ष का शुभारम्भ होने जा रहा है। चैत्र मास ऋतू परिवर्तन का होता है। इस माह में ग्रीष्म ऋतू की शुरुआत होती है। इसके प्रभाव से वात,पित की वृद्धि होती है। इसके अनेक रोग जन्म लेते है।वात,कफ,पित के निदान के लिए निम् के सेवन का महत्व है। निम् मिश्री के सेवन को अमृत तुल्य बताया गया है। निम् के जल से स्नान करने से त्वचा के रोग समाप्त होते है।ऐसे में ज्योतिलिग की परंपरा में अखिल विश्व कोस य का बोध ,तिथि के महत्व के माध्यम से निरोगी रहने का संदेश दिया जाता है।
स्पष्ठी के आरंभ का दिन है प्रतिपदा
महाकाल मंदिर में चैत्र शुल्क प्रतिपदा सृष्टि के आरंभ का दिन है।भगवान महाकाल तीनो लोको के स्वामी है। हर तीज त्यौहार ,उत्सव की शुरुआत महाकाल के आंगन से होती है। प्रतिपदा गुड़ी पड़वा पर पुजारी पुरोहितो द्वारा भगवान को निम् मिश्री के शर्बत का भोग लगाया जाएगा।इसके बाद श्रद्धालु को परसादी का वितरण किया जाएगा।महाकाल मंदिर में मंदिर के शिखर पर नया ध्वज लगाया जाएगा।