New Highway: केंद्र सरकार ने सड़क निर्माण की गति को तेज किया है जिससे न केवल यात्रा की सुविधा बढ़ी है बल्कि आमजन को भी कई फायदे मिल रहे हैं. सरकार अब हाईटेक हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण पर भी जोर दे रही है जिसमें 8 लेन और 4 लेन के साथ-साथ एलिवेटेड एक्सप्रेसवे शामिल हैं. इन आधुनिक सड़कों पर ऑटोमेटिक टोल सिस्टम जैसी कई अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं.
हिमाचल प्रदेश में भूमिगत फोरलेन परियोजना
हिमाचल प्रदेश में एक नई परियोजना के तहत 85 किलोमीटर लंबी सड़क भूमि के नीचे से गुजरेगी जिसे राष्ट्रीय हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) द्वारा अंजाम दिया जा रहा है. इस फोरलेन परियोजना को केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय से आवश्यक मंजूरियां प्राप्त हो चुकी हैं. इस परियोजना में कई सुरंगें (tunnel construction) बनाई जाएंगी, जो न केवल यातायात को सुगम बनाएंगी बल्कि यात्रा को अधिक सुरक्षित भी बनाएंगी.
हिमाचल में सुरंग निर्माण की विशेषताएं
हिमाचल प्रदेश में कुल 68 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें से 11 सुरंगों का कार्य पूरा हो चुका है और 27 पर कार्य जारी है. इन फोरलेन हाईवे (four-lane highways) के निर्माण में 50% से अधिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है जो इस क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
सुरंग बनाने का कारण
पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश में आई बरसात की आपदा ने कीरतपुर-मनाली और पठानकोट-मंडी हाईवे पर भारी नुकसान पहुंचाया था. इस आपदा के बाद सुरंग बनाने का सुझाव (tunnel suggestion post-disaster) आया था ताकि भविष्य में ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. इस योजना पर अमल करते हुए अथॉरिटी ने अधिकांश फोरलेन क्षेत्रों को सुरंगों के माध्यम से गुजारने का फैसला किया है जिससे सड़कें अधिक सुरक्षित और टिकाऊ बन सकें.