New Liquor Policy: उत्तर प्रदेश में लागू की गई नई शराब नीति का असर अब राजस्व के आंकड़ों में साफ दिखने लगा है. योगी सरकार को अप्रैल 2025 में शराब बिक्री से रिकॉर्ड कमाई हुई है. राज्य के आबकारी विभाग को इस एक महीने में 4319 करोड़ रुपये का शुल्क मिला. जो बीयर, देशी और अंग्रेजी शराब की बिक्री से आया है.
पिछले साल से 1006 करोड़ ज्यादा हुआ मुनाफा
पिछले साल अप्रैल में आबकारी विभाग को 3313 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था. जबकि इस साल 1006 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई दर्ज की गई. यह बढ़त नई शराब नीति में किए गए सुधारों और बदलावों का सीधा परिणाम है.
मिश्रित शराब दुकानों से बढ़ी बिक्री
नई नीति के तहत प्रदेश में मिश्रित बीयर और शराब की दुकानें खोली गई हैं. जिससे दैनिक बिक्री में काफी इजाफा हुआ है. आबकारी विभाग ने बताया कि इससे उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिले और कारोबारियों को भी व्यापार में आसानी हुई है.
नई लाइसेंस कैटेगरी और सस्ती शराब ने बढ़ाई आमदनी
नई नीति में कम लाइसेंस शुल्क वाली कई कैटेगरी जोड़ी गई हैं, जिससे बाजार में हल्के अल्कोहल पेय पदार्थों की पेशकश आसान हुई है. इससे नए विक्रेताओं को बाजार में उतरने का अवसर मिला और सरकार को बिक्री से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ.
अवैध शराब पर सख्ती ने भी बढ़ाया राजस्व
राज्य सरकार द्वारा अवैध शराब पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, इस सख्ती से गैरकानूनी कारोबार पर रोक लगी है. जिससे अधिक से अधिक लोग वैध दुकानों से शराब खरीद रहे हैं और इसका सीधा लाभ राजस्व में देखने को मिल रहा है.
शराब बिक्री से आर्थिक मजबूती की ओर यूपी
आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि आबकारी विभाग राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के पहले महीने में ही विभाग ने 30% की राजस्व वृद्धि दर्ज की है, जो एक बड़ा आर्थिक संकेतक है.