New Pay Commission : केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान करके बड़ी खुशखबरी दी थी। हालांकि, अब सितंबर का महीना खत्म हो चुका है, लेकिन आयोग की आधिकारिक अधिसूचना, संदर्भ की शर्तें (ToR), और सदस्यों की नियुक्ति का अभी भी इंतज़ार है-
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान करके बड़ी खुशखबरी दी थी। हालांकि, अब सितंबर का महीना खत्म हो चुका है, लेकिन आयोग की आधिकारिक अधिसूचना, संदर्भ की शर्तें (ToR), और सदस्यों की नियुक्ति का अभी भी इंतज़ार है। इस देरी के कारण, कर्मचारियों को आयोग के गठन की प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार करना पड़ रहा है।
इस देरी से कर्मचारियों और यूनियनों के बीच बेचैनी बढ़ रही है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में 2028 तक का लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
2028 का सवाल क्यों उठ रहा है-
यह सवाल यूं ही नहीं उठ रहा। पिछली बार का अनुभव बताता है कि किसी भी वेतन आयोग को गठन से लेकर लागू होने तक कम से कम 2 से 3 साल लगते हैं। अगर इस बार भी वही पैटर्न दोहराया गया, तो 2028 तक इंतजार करना तय माना जा रहा है।
पिछले वेतन आयोगों की टाइमलाइन-
छठा वेतन आयोग (6th pay commission) अक्टूबर 2006 में गठित हुआ। इसने मार्च 2008 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसे सरकार ने अगस्त 2008 में मंजूरी दी। यह 1 जनवरी 2006 से पूर्वव्यापी (रेट्रोस्पेक्टिव) रूप से लागू हुआ। आयोग के गठन से लेकर इसके लागू होने तक लगभग 22 से 24 महीने का समय लगा।
सातवां वेतन आयोग (7th pay commission news) फरवरी 2014 में गठित हुआ और मार्च 2014 तक इसका ToR तय हो गया। आयोग ने नवंबर 2015 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। सरकार ने जून 2016 में सिफारिशें मंजूर कीं और इन्हें 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया। यानी गठन से लागू होने तक लगभग 33 महीने (करीब 2 साल 9 महीने) लगे। इस तुलना से साफ है कि दोनों आयोगों को औसतन 2 से 3 साल का समय लगा।
8वें वेतन आयोग की मौजूदा स्थिति-
16 जनवरी 2025 को इसका ऐलान किया गया था। लेकिन अब तक न तो ToR जारी हुआ है और न ही आयोग के सदस्यों के नाम सामने आए हैं। यानी असली प्रक्रिया की शुरुआत अभी बाकी है।
अगर आयोग आने वाले महीनों में गठित होता है और रिपोर्ट बनाने में कम से कम दो साल लगते हैं, तो यह रिपोर्ट 2027 तक तैयार हो पाएगी। इसके बाद सरकार को रिपोर्ट पर विचार करना होगा, उसमें संशोधन करने होंगे और फिर मंजूरी देनी होगी। ऐसे में 2028 में लागू होना ही सबसे वास्तविक संभावना नजर आती है। हालांकि, जब भी सिफारिशें लागू होंगी, उन्हें 1 जनवरी 2026 से रेट्रोस्पेक्टिव (retrospective) तौर पर लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एरियर भी मिलेगा।
क्यों अहम है वेतन आयोग-
सरकारी कर्मचारियों (central employees) के लिए वेतन आयोग सिर्फ सैलरी बढ़ाने का जरिया नहीं होता। इसका सीधा असर भत्तों, पेंशन और भविष्य की आर्थिक सुरक्षा पर पड़ता है। खासकर महंगाई के इस दौर में कर्मचारी चाहते हैं कि आयोग का काम जल्दी शुरू हो ताकि बढ़ते खर्चों का बोझ कुछ कम हो सके।
पेंशनर्स (pensioners) के लिए भी आयोग की सिफारिशें उतनी ही अहम हैं क्योंकि इसका असर उनकी पेंशन और महंगाई भत्ते (DA) पर पड़ता है।
एक्सपर्ट्स की राय क्या है?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर सातवें आयोग (7th pay commission latest news) की तरह ही प्रक्रिया चली तो 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट और उसकी मंजूरी में समय लगेगा। मौजूदा देरी को देखते हुए संभावना यही है कि इसका असर 2028 तक खिंच सकता है।
इस बीच, देशभर में 1.2 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स ToR और आयोग के सदस्यों की नियुक्ति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछली बार के अनुभव गवाह हैं कि 6वें और 7वें आयोग को लागू होने में लंबा वक्त लगा। इसे देखते हुए 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें भी 2028 से पहले लागू होना मुश्किल लग रहा है।