आइए जानते है उस नई किस्म (New Wheat Variety 8830) की खासियत, पैदावार सहित अन्य सभी जानकारी।
New Wheat Variety 8830 | गेहूं की अधिकांश किस्मों को फरवरी-मार्च में दिन के दौरान 25°C से कम तापमान की आवश्यकता होती है, जब पौधा दाना भरने की अवस्था में होता है।
2000 में प्रकाशित एक पुस्तक क्लाइमेट चेंज एंड ग्लोबल क्रॉप प्रोडक्टिविटी में कहा गया है कि 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से प्रजनन चरण 6 प्रतिशत कम हो जाता है और अनाज भरने की अवधि 5 प्रतिशत कम हो जाती है, जिससे उपज कम हो जाती है। : New Wheat Variety 8830
भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 25 डिग्री सेल्सियस की सीमा अक्सर टूट जाती है। मार्च 2022 में कई दिन ऐसे रहे जब तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया, जिससे उत्तर और मध्य भारतीय राज्यों में गेहूं की पैदावार कम हो गई।
इसलिए ही वैज्ञानिक और गेहूं अनुसंधान कर्ता temperature resilience varieties development पर फोकस कर रहे हैं।
Heat the beat variety गेहूं New Wheat Variety 8830 में तथा DBW 327, तथा चने में BGM 10216 इसी स्थिति को ध्यान में रख कर डेवलप की गई हैं।
वही इसी वर्ष गेहूं अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली ने पूसा कीर्ति विकसित की है। आइए जानते है इस नई किस्म की खासियत, पैदावार एवं अन्य जानकारी…
गेहूँ – एच. आई. 8830 (पूसा कीर्ति)
New Wheat Variety 8830 | पूसा के सहयोगी संस्थान, गेहूँ अनुसंधान केन्द्र, इंदौर द्वारा देश के मध्यक्षेत्र म.प्र. दक्षिण राजस्थान, बुंदेलखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ के लिये समय पर बोनी हेतु थुली, रवा, पास्ता हेतु अनुशंसित गेहूँ की यह नवीनतम् बॉयो फोर्टिफाईड किस्म हाल ही में जारी की है, इसका गजट नोटिफिकेशन क्रमांक एस. ओ. 1056 (E) 6.3.2023 है।
पूसा तेजस, पोषण व पूसा मंगल आदि कढ़िया किस्मों के बाद किसान इनसे भी उन्नत एक ऐसी ड्यूरम किस्म का इंतजार कर रहे थे, जिसमें कम अवधि में कम सिंचाई व कम बीज दर पर अधिकतम उत्पादन प्राप्त हो सके किसानों की इसी अपेक्षा को पूर्ण करने हेतु, पूसा नई दिल्ली के संस्थान व इंदौर क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र (IARI) द्वारा वर्षों के गहन रिसर्च के पश्चात् यह नई कठिया किस्म एच.आई. 8830 (पूसा कीर्ति) जारी की है।
अति विशिष्ट श्रेणी की यह ड्यूरम किस्म New Wheat Variety 8830 का प्रजनक बीज एच. आई. 1650 की तरह ही एक विशेष अनुबंध (MOU) के तहत बहुत ही सीमित बीज होने से कुछ चुनी हुई बीज उत्पादक कम्पनियों को ही बीज प्रगुणन / उत्पादन व विक्रय के लिये दिया गया है जिसकी वास्तविक लागत प्रथम क्विंटल पर 1, 25,000 / – ली गई है अत: किसान अधिकृत लायसेंस प्राप्त कम्पनियों से ही बीज लेवें ताकि उनके साथ किसी प्रकार का धोका न हो।
गेहूँ – एच. आई. 8830 (पूसा कीर्ति) के गुण एवं विशेषताएं
New Wheat Variety 8830 | इस किस्म का दाना आकर्षक, चमकदार, बोल्ड, रंग अम्बर (सुनहरा ), थोड़ा कड़क, आकार दीर्घ वृत्ताकार (इलेप्टीकल), 1000 दानों का वजन लगभग 50 ग्राम बालियों में आरेकल ठोस (काम्पेक्ट) होने से खिरने की समस्या नहीं व परिपक्वता अवधि में थोड़ी वर्षा होने पर भी दाने का रंग खराब नहीं होता जिससे बाजार भाव अच्छे मिलते है।
बॉयो फोर्टिफाईड किस्म होने से इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में जैसे जिंक ( 37. लोह तत्व ( 37.6) पी. पी. एम. तथा इसकी सेडीमेटेशन वेल्यू (33.8 ML) होने से यह इसकी उच्चतम गुणवत्ता एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की क्वालिटी होने का एक तकनीकी प्रमाण है। : New Wheat Variety 8830
हमारे यहाँ प्रकृति ने कठिया (ड्यूरम) गेहूँ के उत्पादन हेतु अत्यंत आदर्श वातावरण एवं पस्थितियाँ प्राकृतिक रूप से प्रदान की है जिसके कारण कठिया गेहूँ की इस किस्म की क्वालिटी अंतर्राष्टीय स्तर की व उत्पादन अधिकतम प्राप्त होता है जिससे इस किस्म की बड़ी स्थानीय माँग एवं निर्यात की असीम संभावनाएँ बनी हुई है।
इस किस्म का पौधा मध्यम ऊँचाई का ऊँचाई लगभग 90 से.मी. पत्तियाँ चौड़ी, पर्ण कोण, सीधी सतह मोमी, मजबूत बालियाँ सफेद, बालियों पर रूए नहीं, काड़ी कड़क, ऊँचाई अधिक नहीं व जबरदस्त टिलरिंग होने के कारण इसके आड़ा पड़ने (लाजिंग) की समस्या नहीं। : New Wheat Variety 8830
पौधा घना, फैलावदार व अधिक कुचे वाले होने के कारण किसानों को भूसा भी अधिक प्राप्त होता है, भूसे के भाव भी बहुत अच्छे मिलने के कारण किसान को लगने वाली गेहूँ की लागत का अधिकतम हिस्सा भूसे की आय में निकल जाता है।
इस किस्म का अंकुरण बहुत अच्छा होने से व टिलरिंग (कल्ले) अधिक होने से बीज दर भी कम लगती है तथा फसल की अवधि लगभग 120 दिन होने से कम सिंचाई में भी अधिकतम उत्पादन देने में यह किस्म सक्षम है।
बिमारियों के प्रति प्रतिरोधकता व पाले / ठंड के प्रति सहनशीलता के सभी गुण इस किस्म में अन्य उन्नत ड्यूरम किस्मों की तरह स्वाभाविक रूप से देखे गए है। : New Wheat Variety 8830
इस किस्म की बीज दर 113 किलो हेक्टेयर या लगभग 45 किलो एकड़ तथा लाईन से लाईन की दूरी 20 से.मी. रखने व 20 अक्टूबर से 25 नवंबर से पूर्व समय पर बोनी करने व अनुशंसित संतुलित उवर्रक एन. पी. के. व जिंक की मात्रा समय पर 100:50:25 उपयोग करने पर आदर्श परिणाम।
इस किस्म में एक यह अच्छी बात है कि सीमित सिंचाई 1 से 2 देने पर भी यह किस्म अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती है। इस किस्म में किसानों द्वारा 3 से 4 सिंचाई में भी व्यवाहरिक रूप गतवर्ष कि विपरित मौसम एवं अधिक तापमान की परिस्थिति में भी लगभग 17 क्विंटल बीघा का उत्पादन लिया गया है जो कि आश्चर्यजनक किंतु सत्य है। : New Wheat Variety 8830
इस किस्म में किसान भाई दाने में दूध भरने (जीव पड़ने) की अवस्था लगभग 85 से 90 दिन के बाद सिंचाई रोक देगें तो फसल के आड़ा पड़ने व दाने के पोट्या (धान्या) होने की संभावना नहीं के बराबर रहेगी जिससे किसानों को अधिकतम उत्पादन के साथ अच्छे बाजार भाव दोनों का लाभ मिलेगा।
गेहूँ की यह अत्यंत उन्नत एडवांस जनरेशन की यह ड्यूरम किस्म एच. आई. 8830 (पूसा कीर्ति) अपने बहु आयामी गुणों के कारण अतिशीघ्र अपना एक विशिष्ट उच्च स्थान अतिशीघ्र बना लेगी तथा किसानों के लिये कठिया गेहूँ की खेती की एक नई परम्परा बनाते हुए उनके लिये वरदान सिद्ध होगी। : New Wheat Variety 8830