Newspaper Guideline: प्रकाशन के 48 घंटों के भीतर समाचार पत्र का प्रिंट वर्जन पोर्टल पर करना होगा अपलोड
Newspaper Guideline: भारत सरकार के प्रेस पंजीकरण कार्यालय नई दिल्ली ने प्रकाशित होने वाले सभी समाचार पत्रों के लिए पुरानी गाइड लाइन में संशोधन करते हुए नई गाइड लाइन जारी की है।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अनुराग सक्सेना के हवाले से केन्द्रीय सलाहकार सदस्य डा.ए.के.राय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि 10 मार्च 2025 को सरकार ने एक नई गाइडलाइन (एडवाइजरी नं. 03/2025) जारी की है जिसके अनुसार अब जो भी समाचार पत्र पीडीएफ पर चल रहे हैं, उन सभी को प्रकाशित करना अनिवार्य किया गया है। प्रेस पुस्तक पंजीकरण के नियम 10 के अनुसार दैनिक/साप्ताहिक/ पाक्षिक/मासिक समाचार पत्र प्रकाशित होने के 48 घंटों के भीतर समाचार पत्र के प्रिंट वर्जन को स्कैन करके उसको अपनी आईडी से प्रेस सेवा पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा।
उदाहरण के तौर पर यदि आप दैनिक समाचार पत्र चला रहे है तो रोजाना समाचार पत्र के प्रिंट वर्जन को स्कैन करके जेपीजी या पीडीएफ फॉर्मेट में अपलोड करना होगा एवं साथ ही हर माह की 5 तारीख से पहले पीआईबी के प्रादेशिक कार्यालय में प्रिंट कॉपी जमा करानी होगी।
हर माह समाचार पत्र की कॉपी अपलोड करने के बाद आपको अपनी आईडी से एक नियमितता सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा उसी के आधार पर समाचार पत्र को नियमित माना जाएगा। यदि किसी कारणवश कॉपी अपलोड नहीं की जाती है तो उस समाचार पत्र को अनियमित माना जाएगा एवं 12 माह तक अनियमित रहने पर समाचार पत्र का शिर्षक (टाइटल) रद्द किया जा सकता है।
इसके साथ ही प्रिंटिंग प्रेस को भी पाबंद किया है कि आपके यहां छपने वाले समाचार पत्रों की डिटेल अपलोड करें कि किस समाचार पत्र की कितनी कॉपी आपके यहां प्रिंट हुई है। सरकार द्वारा इस गाइडलाइन के जारी होने के बाद समाचार पत्र संचालकों पर अब सिर्फ पीडीएफ के रूप में अखबार चलाना आसान नहीं होगा और अपलोड नहीं किए जाने की सूरत में समाचार पत्र का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा।
राजस्थान श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष (निर्वाचित) अनिल जान्दू ने बताया कि पहले विभाग के आदेशानुसार आरएनआई ने समाचार पत्र की कॉपी 48 घंटे मे आरएनआई मे जमा करने का आदेश किया था जिसके विरोध मे पत्रकार संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और पत्र द्वारा सरकार व सूचना एवं प्रसारण मंत्री को विरोध दर्ज कराया था जिसके चलते सरकार ने अपने पुराने आदेश को संशोधित कर दिया।_