भारत में किसान हर साल रबी,खरीफ वे जायद सीजन में खेती से अच्छी पैदावर के लिए खाद बीज और कीटनाशकों पर काफी ज्यादा पैसा खर्च करता है।किसानो को ये कृषि इनपुट उपलब्ध कराने के लिए लगभग 10 हजार कंपनिया काम कर रही है।इसके बावजूद भी बड़ी संख्या में किसानो की फसल नकली खाद बीज वे कीटनशको के कारण हर साल बर्बाद होती है।बुवाई से पहले किसानो को ज्यादा पैदावार का वादा करके कंपनियों द्वारा बीज बेचा जाता है लेकिन जब फसल की पैदावार प्राप्त होती है तो कम उत्पादन मिलता है।ऐसी ठगी से हर साल से किसान ठगे जाते है।
सरकार ने कीटनाशक कंपनियों के लिए बनाए सख्त नियम
किसानो को कई गुना ज्यादा पेसेखर्च करने के बाद गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट नहीं मिल रहे है,जिससे उनकी उपज प्रभावित हो रही है।इसकी शिकायत सरकार के समाने लंबे समय से आ रही है।इन शिकायतों पर करवाई करते हुए केंद्र सरकार ने कीटनाशक कंपनियों के लिए केवाईसी का नियम बनाया है।अब कीटनाशक कंपनियों को अपनी केवाईसी करनी होगी जिससे सरकार के पास प्रत्येक कंपनी का देता आ जाएगा और शिकायत मिलने पर जल्द करवाई की जा सकेगी।
केवाईसी अनिवार्य करने के बाद 7 हजार कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द
दवा कम्पनियो को बिजनेस करने के लिए सेंट्रल इन्सेक्टीसाइड्स बोर्ड एन्ड रजिस्ट्रेशन कमेटी से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।अगर कोई कंपनी रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है तो वह वेध रूप से बिजनेस नहीं कर सकती है।अब सरकार ने इसमें केवाईसी का नियम जोड़ दिया है।जो कंपनी अपना केवाईसी नहीं कराएगी उसका रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा।जानकारी के अनुसार केवाईसी नहीं करने वाली 7 हजार से ज्यादा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो गया है।वही सरकार को यह निर्देश भी दिया गाय है की जिन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन केंसिल हुआ है ,उनके प्रोडक्ट की बिक्री नहीं होनी चाहिए।जब कंपनिया अपना केवाईसी पूरा करने में सफल होगी तब उनका रजिस्ट्रेशन फिर से बहाल कर दिया जाएगा
देश में 30 प्रतिशत कीटनाशक नकली ,होता है नुकसान
नकली कीटनाशकों की परेशानी से लगभग हर राज्य के किसान परेशान है।एक अध्यन्न में पाया गया है की देश में कीटनाशकों की कुल मात्रा का 30 प्रतिशत नकली बिक रहा है।हर शला यह आकड़ा बढ़ रहा है।आपको बता दे की नकली माल बेचने वाला माफिया पहले असली प्रोडक्ट खरीदते है ,फिर उसमे कुछ दूसरे केमिकल मिलाकर उसे पतला कर देते है और उसे असली कंपनी के सामन दूसरी कंपनी के नाम से कम कीमत में बेचते है।इससे किसने को नुकसान होता है।